घिस चुके नॉन-स्टिक बर्तन पर खाना पकाने से क्या होता है? एक्सपर्ट से जानें हर चीज

आज कल घरों में नॉनस्टिक बर्तनों का खूब इस्तेमाल किया जा रहा है. कढ़ाई से लेकर प्रेशर कुकर और तवे भी नॉस्टिक वाले यूज हो रहे हैं. ये ऐसे बर्तन होते हैं, जिसमें खाना चिपकने की टेंशन नहीं होती है. इन बर्तनों में पॉलीटेट्राफ्लुओरोएथिलीन (PTFE) नाम के धातू की कोटिंग की जाती है. इसे टेफ्लॉनकी कोटिंग नाम से भी जाना जाता है. वहीं, कुछ नॉन-स्टिक बर्तनों में सिरेमिक कोटिंग का भी यूज किया जाता है. ये खाने को चिपकने से बचाता है.
हालांकि, अगर आप नॉनस्टिक बर्तन में स्टील या एल्युमिनियम चम्मच का इस्तेमाल करते हैं तो बर्तन की कोटिंग खुरदरी हो जाती है. ऐसे में कई लोग इसका लगातार इस्तेमाल करते रहते हैं, जो सेहत के लिए अच्छा नहीं है. अगर आप भी खराब कोटिंग वाले नॉन स्टिक बर्तन में खाना बना रहे हैं तो सावधान होने की जरूरत है. चलिए एक्सपर्ट से जानते हैं कि इसका सेहत पर क्या असर पड़ सकता है.
SGT यूनिवर्सिटी गुरुग्राम के फॉरेंसिक डॉ. भुपेश कुमार शर्मा बताते हैं कि, नॉन-स्टिक बर्तनों पर जो टेफ्लॉन (PTFE coating) होती है. जब वो कोटिंग खुरच जाती है तो उसमें से माइक्रोस्कोपिक पार्टिकल्स निकलते हैं और ये आपके खाने में मिल जाते हैं. खाने के साथ ये शरीर में जाते हैं, जो कई तरह की समस्याएं पैदा कर सकते हैं. जैसे फीवर आना और बदन दर्द होना. इसे Polymer fume fever भी कहते हैं.
ये खतरा तब ज्यादा होता जब आप पैन को बहुत ज्यादा गर्म करते हैं. इससे हार्मफुल केमिकल ( PFAS) निकलते हैं. ऐसा भी कहा जाता है कि पीटीएफई-कोटेड कुकवियर से कई तरह की गैस और केमिकल निकलते हैं जो खाने में मिलकर टॉक्सिटी को बढ़ा सकते हैं. इससे हार्मोन्स बिगड़ते हैं, इम्यून सिस्टम कमजोर होता है और कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम हो सकती हैं. इसलिए जब भी आपके नॉन-स्टिक बर्तन की कोटिंग खराब हो तो उसका इस्तेमाल करना बंद कर दें.
नॉन-स्टिक बर्तन को खराब होने से कैसे बचाएं?
नॉन-स्टिक बर्तन की कोटिंग खराब होने से बचाने के लिए आप हमेशा लड़की या सिलिकॉन की करछी का इस्तेमाल करें. इसके अलावा खाली पैन को कभी भी तेज आंच पर न रखें. गर्म बर्तन को सीधा पानी में न डालें. इसके अलावा नॉन-स्टिक बर्तन को धोते समय लोहे के जूने का इस्तेमाल न करके स्पंज का यूज करें. अगर कोटिंग काफी छिल गई है तो नया पैन लेना ही बेहतर है.