हरियाणा

हलवासिया विद्या विहार की छात्रा लावण्या ने एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज करवा कर कीर्तिमान स्थापित किया।

भिवानी, (ब्यूरो): हलवासिया विद्या विहार की छठी कक्षा की छात्रा लावण्या ने खेल के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित कर अपने माता-पिता, विद्यालय व अपने राज्य को गौरवान्वित किया। छात्रा ने दैनिक व्यायाम दिनचर्या के रूप में हलवासिया विद्या विहार के फुटबॉल ग्राउंड के ट्रैक पर अधिकतम दूरी तय करने का रिकॉर्ड बनाया। छात्रा ने 11 साल 5 महीने और 3 दिन की उम्र में एशिया की सबसे तेज हाफ मैराथन 21.1 किलोमीटर की दूरी विद्यालय के फुटबॉल ग्रांउड में 2 घंटे 3 मिनट में पूरी करके एशिया बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में स्वर्णिम अक्षरों में अपना नाम दर्ज करा लिया है। दिनांक 15 दिसंबर 2024 को सुबह स्कूल के ही फुटबॉल मैदान में छात्रा ने यह कीर्तिमान स्थापित किया और इसे इंस्टाग्राम पर लाइव शेयर किया गया जिसकी रिकॉर्डिंग एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स को भेजी गई। उन्होंने 2 जनवरी 2025 को इस पर मोहर लगा दी। एशिया बुक ऑफ़ रिकार्ड्स के द्वारा छात्रा को मेडल , सर्टिफिकेट व एशिया बुक ऑफ़ रिकार्ड्स की प्रति आदि अनेक उपहार देकर सम्मानित किया गया। इससे पूर्व छात्रा का नाम ताऊ देवीलाल स्टेडियम गुरुग्राम के ट्रैक पर 15 किलोमीटर की दूरी 1 घंटे 22 मिनट 43 सेकंड में तय करने का एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज हो चुका है। यह छात्रा का दूसरा स्वर्णिम खिताब है जो कि उन्होंने अपने बड़े भाई हार्दिक के हाफ मैराथन समय 2 घंटे 4 मिनट व 18 सेकंड के रिकॉर्ड को तोड़करअपने नाम किया है। उनके भाई हार्दिक भी इंडिया व एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज़ करा चुके हैं। यह दोनों भाई -बहन लंबी दूरी के दौड़ करने वाले भिवानी व हरियाणा के ही नहीं बल्कि सबसे कम उम्र के हाफ मैराथन धावक हैं। इस उत्कृष्ट उपलब्धि का श्रेय लावण्या अपने माता-पिता, विद्यालय तथा अध्यापकों को देना चाहती है। उनके पिता राजेश लगातार 2 वर्षों से अपनी पुत्री के साथ दिन-रात अथक मेहनत कर रहे हैं तथा प्रतिदिन सुबह -शाम स्कूल के खेल के मैदान में उन्हें अभ्यास कराते हैं। यही कारण है कि आज छात्रा लावण्या यह कीर्तिमान स्थापित कर पाई है। विद्यालय पहुंँचने पर विद्यालय प्रशासन द्वारा छात्रा लावण्या को मेडल व सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया। विद्यालय प्रशासक डॉ. शमशेर सिंह अहलावत ने छात्रा की शानदार उपलब्धि पर उसे हार्दिक बधाई देते हुए अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में करने के लिए प्रेरित किया। प्राचार्य विमलेश आर्य भी छात्रा की उपलब्धि का मुख्य श्रेय उनके पिता राजेश को दिया जो दिन- रात अपने दोनों बच्चों को लगातार अभ्यास करवा रहे हैं। माध्यमिक विभाग प्रमुख आचार्या सुवीरा गर्ग ने भी छात्रा की प्रशंसा करते हुए कहा कि छात्रा खेल के साथ-साथ पढ़ाई में भी अग्रणी रहती है। छात्रा के पिता राजेश ने अपने पुत्री की उपलब्धि का पूरा श्रेय विद्यालय प्रशासन को दिया जिन्होंने छात्रा को अभ्यास के लिए इतना बड़ा खेल का मैदान दिया। खुशी के इस अवसर पर वरिष्ठ विभाग प्रमुख एलेग्जेंडर दास , अमरेंद्र कुमार तथा समस्त स्टाफ ने छात्रा को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

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