BJP सांसद विनोद बिन्द का चुनाव रद्द करने की मांग, ललितेश पति त्रिपाठी ने हाईकोर्ट में दायर की याचिका
टीएमसी नेता ललितेश पति त्रिपाठी ने भदोही सांसद का निर्वाचन रद्द करने की याचिका इलाहाबाद हाई कोर्ट में दाखिल की. याचिका में कहा गया है कि विनोद कुमार बिन्द ने निषाद पार्टी के विधायक रहते बीजेपी के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीता. ये जनप्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन है. भदोही से टीएमसी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले ललितेश पति त्रिपाठी ने बीजेपी के सांसद विनोद कुमार बिंद के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. विनोद कुमार बिन्द के निर्वाचन को रद्द करने के लिए दाखिल अपनी याचिका में दो-तीन प्रमुख कारण बताया है.
उन्होंने कहा कि पहला कारण मैंने ये बताया है कि किसी अन्य दल का सदस्य रहते हुए भाजपा के चुनाव चिन्ह पर 78-भदोही लोकसभा से उम्मीदवार बन कर डॉ विनोद कुमार बिन्द ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के नियमों और संविधान की 10वीं अनुसूची का उल्लंघन किया है.
विनोद कुमार बिन्द के खिलाफ याचिका दाखिल
उन्होंने कहा कि मझवा से निषाद पार्टी के विधायक रहे विनोद कुमार बिन्द ने 14 जून को यूपी विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपा यानी कि वो लोकसभा चुनाव लड़ते समय दो पार्टी के सदस्य थे!
ललितेश पति त्रिपाठी ने कहा कि दूसरा कारण मैंने अपनी याचिका में बताया है कि जिस आधार पर बाकी उम्मीदवारों का पर्चा खारिज हुआ. उसी आधार पर विनोद बिन्द का पर्चा कैसे स्वीकार कर लिया गया? नामांकन पत्र में विनोद बिन्द ने भी कई कॉलम खाली छोड़ रखे थे.
भदोही से सांसद निर्वाचित हुए हैं बिन्द
उन्होंने कहा किइसी आधार पर मैंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के नियमों के अनुसार रजिस्ट्रार जनरल के समक्ष एक चुनाव याचिका प्रस्तुत कर यह मांग की है कि 78-भदोही लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से एमपी के रूप में बीजेपी सांसद डॉ का चुनाव अमान्य घोषित किया जाए.
भदोही लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र सीट सपा ने अपने कोटे से पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ दल टीएमसी को दी थी. टीएमसी के नेता ललितेश पति त्रिपाठी 44072 मतों से पराजित हुए थे. बीजेपी प्रत्याशी विनोद कुमार बिन्द पहले मंझवा से विधायक थे. वह निषाद पार्टी के टिकट पर साल 2022 के चुनाव में मीरजापुर जिले की मंझवा सीट से विधायक चुने गए थे.