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हरियाणा में बेटियों पर बढ़ा गर्व, लिंगानुपात 905 से बढ़कर पहुंचा 913

चंडीगढ़ : बीएएमएस डॉक्टरों को गर्भपात की अनुमति नहीं है। यदि कोई डॉक्टर इसमें शामिल पाया गया तो उसका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा। अगर रजिस्ट्रेशन रद होने के बाद भी वे ऐसे मामले में दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। यह निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने अवैध गर्भपात रोकने के लिए गठित स्पेशल टास्क फोर्स की बैठक में दिए।

बैठक में उन्होंने कहा कि गर्भपात के मामलों में रिवर्स ट्रैकिंग को ज्यादा प्रभावी बनाएं ताकि अवैध गर्भपात करने वाले दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि 31 अक्तूबर 2025 तक लिंगानुपात 905 से बढ़कर 913 हो गया है जोकि संतोषजनक है। राजपाल ने कहा कि रिवर्स ट्रैकिंग के दौरान अवैध गर्भपात के दोषियों के खिलाफ एफआईआर अवश्य दर्ज करवाई जाए और सबूत एकत्रित करके दोषियों को सजा दिलवाई जाए। यदि कोई केस निचली अदालत में खारिज हो जाता है तो सिविल सर्जन उस केस के लिए ऊपरी अदालत में अपील करें। उन्होंने लीगल ऑफिसर को ऐसे मामलों पर नजर रखने के निर्देश दिए ताकि किसी मामले में ढिलाई न बरती जाए।

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि रिवर्स ट्रैकिंग के दौरान अवैध गर्भपात में शामिल लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए और दोषियों को सजा दिलाने के लिए पर्याप्त सबूत जुटाए जाने चाहिए।

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