मध्यप्रदेश

अहिरावण की कुलदेवी का मंदिर: घने जंगलों में प्रसिद्ध ‘दान दाई’ देवी

देशभर में शारदीय नवरात्रि की धूम है. श्रद्धालु शक्ति की उपासना के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों में स्थित शक्ति मंदिरों में पहुंच रहे हैं. ऐसा ही एक मंदिर मध्य प्रदेश में है. ये मंदिर प्रदेश के पन्ना जिले में है. मंदिर जिला मुख्यालय से लगभग 90 किलोमीटर दूर मोहन्द्रा के पास विंध्य पर्वत श्रृंखला के घने जंगलों और प्राकृतिक सौंदर्य के बीच स्थित है. इस मंदिर में माता दान दाई विराजमान हैं.

माता दान दाई अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं, इसलिए उनका मंदिर जिले ही नहीं प्रदेश भर में आस्था का केंद्र है. माता दान दाई और इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि त्रेता युग में एक समय जब रावण युद्ध हारने लगा था, तब उसने अपने भाई अहिरावण को सहायता के लिए बुलाया था. रावण का भाई अहिरावण पाताल लोक में रहता था.

अहिरावण की कुलदेवी हैं दान दाई माता

अहिरावण भगवान श्रीराम और लक्ष्मण को मूर्छित कर पाताल लोक ले गया था, तब हनुमान जी श्रीराम और लक्ष्मण को बचाने पाताल लोक गए थे. अहिरावण अपने आपको शक्तिशाली बनाने के लिए देवी को श्रीराम और लक्ष्मण की बलि देने वाला था. उस समय हनुमान जी ने पाताल भैरवी के सिर पर चढ़कर अहिरावण से युद्ध किया और उसका वध कर दिया. फिर प्रभु राम और लक्ष्मण को वापस पाताल से ले आए. उनके साथ ही अहिरावण की कुलदेवी भी मृत्यु लोक में आ गईं. वही दान दाई के नाम से प्रसिद्ध हो गईं.

हनुमान जी के पैरों के नीचे माता विराजमान

दान दाई भक्तों से प्रसन्न होने पर उनको दान देने लगीं. देश में यह पहला मंदिर है, जहां हनुमान जी के पैरों के नीचे माता विराजमान हैं. यहां हर मंगलवार और शनिवार को भक्तों की भीड़ उमड़ती है. नवरात्रि में हर दिन धार्मिक अनुष्ठान होते हैं. नवरात्रि में अष्टमी के दिन यहां विशाल चुनरी यात्रा निकाली जाती है.

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