दिल्ली हाई कोर्ट ने बीजेपी से निष्कासित विधायक और आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर को मेडिकल आधार पर 2 हफ्ते की अंतरिम जमानत दी है. कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि उन्हें एम्स नई दिल्ली में भर्ती कराया जाए और उनका मेडिकल मूल्यांकन किया जाए. अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा कि मेडिकल सुपरिटेंडेंट कोर्ट को सुझाव देंगे कि क्या उनका इलाज एम्स में संभव है. दरअसल, कुलदीप सेंगर ने अपनी याचिका में दावा किया है कि वह मधुमेह, मोतियाबिंद, रेटिना संबंधी समस्या और अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं.
वरिष्ठ अधिवक्ता नारायणन हरिहरन ने तर्क दिया कि सेंगर की चिकित्सीय स्थिति गंभीर है, जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि सेंगर को रेटिना डिटेचमेंट के लिए सर्जरी की सलाह दी गई थी और वह चेन्नई में इलाज कराना चाहते थे. हरिहरन ने कहा कि सेंगर अन्य बीमारियों से भी पीड़ित हैं.
2017 में सामने आया था उन्नाव रेप केस
उन्नाव रेपकांड का मामला साल 2017 में सामने आया था. एक युवती ने कुलदीप सेंगर पर रेप का आरोप लगाया. यह मामला तब तूल पकड़ा जब साल 2018 में पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में कथित तौर पर मौत हो गई.
इस मामले में 13 मार्च, 2020 को निचली अदालत ने सेंगर को रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में 10 साल की सजा और 10 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने सजा सुनाते हुए ने कहा था कि जिसकी मौत हुई है वह परिवार में अकेला कमाने वाला था इसलिए कोई नरमी नहीं बरती जा सकती. बीजेपी ने एक अगस्त 2019 को सेंगर को पार्टी से निकाल दिया था.