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Online Transfer Policy के तहत ट्रांसफर हुए कर्मचारियों को नहीं मिली 2 महीने की सैलरी, जानिए क्यों

चंडीगढ़:  सरकार द्वारा परिवहन विभाग में लागू की गई ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी में अनेकों खामियां हैं जिन्हें दूर करने में सरकार नाकाम रही है। जिसका खामियाजा कर्मचारियों को उठाना पड़ रहा है।

हरियाणा रोडवेज स्वतंत्र कर्मचारी यूनियन के राज्य प्रधान मनोज चहल ने कहा कि अप्रैल माह में ट्रांसफर होकर जाने वाले कर्मचारियों को अब तक इस ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी के कारण अनेकों परेशानियां झेलनी पड़ रही है जिसके चलते लगभग दो महीने बीत जाने के उपरांत भी ट्रांसफर हुए कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है। अधिकारियों का कहना है कि ट्रांसफर के बाद जब तक HRMS में कर्मचारी का डाटा भी उसके नए कार्यालय में नहीं भेजा जाता तब तक कर्मचारी के वेतन मिलने में परेशानी आती रहेगी। चहल ने कहा कि सरकार पहले अपने HRMS के डाटा को दुरुस्त करे उसके उपरांत ही ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी को लागू करें। वहीं सरकार ने अब इसी कड़ी में रोडवेज के चालक और परिचालकों के ऑनलाइन ट्रांसफर करने के लिए शेड्यूल जारी कर दिया है।

चहल ने बताया कि पॉलिसी में अंतर्निहित है कि कर्मचारियों को अप्रैल माह में ही ट्रांसफर किया जाएगा ताकि कर्मचारियों के परिवार पर तथा उनके बच्चों की पढ़ाई पर इसका किसी प्रकार का कोई दुष्प्रभाव न पड़े लेकिन सरकार अगस्त माह में कर्मचारियों के ऑनलाइन ट्रांसफर करना चाहती है जो पॉलिसी के विरुद्ध है। इसके अलावा ऑनलाइन पॉलिसी को स्वैच्छिक ट्रांसफर पॉलिसी करार दिया है जिससे जो कर्मचारी अपना तबादला करवाना चाहता है केवल उन्हीं का तबादला किया जाएगा अन्य कर्मचारियों का नहीं लेकिन अप्रैल 2025 में उन कर्मचारियों का तबादला भी कर दिया जिन्होंने तबादला नहीं करवाना चाहा।

सरकार ने कर्मचारी के एक स्टेशन पर अधिकतम पांच वर्ष तक रह सकने वाले नियम को भी नकार दिया। इस प्रकार सरकार ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी के बहाने से कर्मचारी वर्ग का उत्पीड़न करने में लगी है। सरकार ने यह भी दावा किया था कि कर्मचारियों का उनके गृह जिले के समीप जिले में ही ट्रांसफर किया जाएगा जबकि विभाग द्वारा पूर्व में किए गए तबादलों में कर्मचारियों को दूर दराज के जिलों में ट्रांसफर किया गया।

मनोज चहल ने कहा कि सरकार इस ट्रांसफर पाॅलिसी की खामियों को दूर करने का काम करे और कर्मचारियों को दूसरे जिलों में ट्रांसफर किये जाने उपरांत उनके वेतन मिलने में आ रही परेशानी को तुरंत प्रभाव से दूर करके कर्मचारियों को तुरंत वेतन का भुगतान करें। साथ ही केवल उन्हीं कर्मचारियों का तबादला दूसरे जिलों में किया जाए जो अपना तबादला करवाना चाहते हैं तथा ट्रांसफर पॉलिसी में दिए गए नियम अनुसार कर्मचारियों के ट्रांसफर अप्रैल माह में ही किये जाएं और कर्मचारी के गृह जिले के समीप किये जाएं। चहल ने कहा कि यदि सरकार उक्त खामियों को दूर नहीं करतीं है तो कर्मचारी आंदोलन को मजबूर होंगे।

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