मीरा की कृष्णभक्ति की कहानी: श्रीकृष्ण की जयंती पर जानें उनसे जुड़ी रोचक बातें

मीराबाई का जन्म आश्विन महीने की शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि को हुआ था. आज आश्विन महीने की शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि है. ऐसे में आज मीराबाई की जयंती है. मीराबाई भगवान श्रीकृष्ण की परम भक्त के रूप में याद की जाती हैं. मीराबाई भगवान कृष्ण की भक्ति किया करती थीं. सुंदर गीत गाती थीं. भक्तिमय नृत्य करती थीं. आज उनकी जयंती पर हम आपको मीराबाई से जुड़ी कुछ रोचक बातें बताने जा रहे हैं.
मान्यताओं के अनुसार, मीराबाई का जन्म साल 1498 में हुआ बताया जाता है. उनका जन्म राजस्थान के जोधपुर में हुआ था. उन्होंने राजस्थान के राजा रतन सिंह के घर जन्म लिया था. मीराबाई का विवाह राजकुमार भोजराज से हुआ था. भोजराज मेवाड़ के राजकुमार थे. मीराबाई का मन हमेशा ही भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में लगता था. मीराबाई सदा भगवान कृष्ण की भक्ति में लीन रहती थीं.
बचपन से ही श्री कृष्ण की दीवानी थीं मीराबाई
मीराबाई हमेशा कविताएं करतीं और मंदिरों में जाकर नृत्य करती थीं. बताया जाता है कि मीराबाई बचपन से ही भगवान श्री कृष्ण को अपना मानती थीं. मीराबाई बचपन से ही श्री कृष्ण की दीवानी थीं. इसे लेकर एक घटना भी बताई जाती है. हुआ कुछ ऐसा था कि मीराबाई के बचपन के समय में उनके पड़ोस में किसी लड़की की बारात आई थी. तभी मीराबाई ने अपनी माता से पूछा कि उनका दूल्हा कौन है?
पति की मौत के बाद बढ़ गई भक्ति
इस पर मीराबाई की माता ने भगवान श्री कृष्ण की ओर इशारा करते हुए कहा कि वो ही उनके दूल्हे हैं. इसके बाद से ही मीराबाई भगवान श्री कृष्ण को अपना पति मानने लगीं. मीराबाई के विवाह के कुछ सालों बाद ही उनके पति की मौैत हो गई थी. इसके बाद समाज उनको सती करना चाहता था, लेकिन मीराबाई ने अपना श्रृंगार नहीं उतारा और सती होने के लिए नहीं मानी.
ऐसा इसलिए क्योंकि मीराबाई भगवान श्री कृष्ण को अपना पति मानती थीं. मीराबाई के पति की मौत के बाद भगवान श्री कृष्ण के प्रति उनकी भक्ति और भी बढ़ गई थी.




