धर्म/अध्यात्म

गुरु अस्त होने से मांगलिक कार्यों पर लगा 145 दिन का ब्रेक, जानें अब कब बजेगी शहनाई

जून की 8 तारीख को शादी का आखिरी शुभ मुहूर्त था. वहीं, अब गुरु ग्रह के अस्त होने के कारण 145 दिनों तक वैवाहिक कार्यक्रम या कोई अन्य मांगलिक कार्य नहीं किया जाएगा यानी अब शादी का सीजन पूरे 145 दिनों के बाद शुरू होगा. दरअसल, ज्योतिष शास्त्र में विवाह के लिए गुरु ग्रह का उदित होना जरूरी माना गया है. गुरु ग्रह के अस्त होने पर शादी से लेकर अन्य मांगलिक कार्य भी नहीं किए जाते हैं. ऐसे में चलिए आपको बताते हैं कि अब शादी की शहनाईयां कब से बजेंगी.

अब 12 जून से गुरु मिथुन राशि में अस्त हो चुके हैं. ऐसे में बृहस्पति देव के उदय होने तक शादी की शहनाइयों की गूंज नहीं सुनाई देंगी. अगले महीने 6 जुलाई को देवशयनी एकादशी है और इस दिन से चातुर्मास शुरू हो जाएगा. चातुर्मास में सभी शुभ और मांगलिक कार्यों पर पूर्ण विराम लग जाता है. इसी वजह से 1 नवंबर तक विवाह या अन्य कार्यों के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं है.

12 जून से 9 जुलाई तक गुरु अस्त

पंचांग के मुताबिक, साल 2025 में गुरु ग्रह 12 जून से लेकर 9 जुलाई तक मिथुन राशि में अस्त रहेंगे. गुरु ग्रह अस्त की स्थिति में शादी जैसे शुभ कार्यों को करने से बचना चाहिए. ऐसे में 12 जून से लेकर 1 नवंबर के बीच यानी इन 145 दिनों तक शादी करना शुभ नहीं है. क्योंकि इस बीच विवाह करने के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं मिलेगा.

1 नवंबर से शुरू होंगे मांगलिक कार्य

देवगुरु बृहस्पति 9 जुलाई को उदय हो जाएंगे, लेकिन 6 जुलाई से (देवशयनी एकादशी से) चातुर्मास लग चुका होगा. चातुर्मास पूरे 4 महीने तक रहता है. पंचांग के मुताबिक, चातुर्मास 6 जुलाई से शुरू होकर देवउठनी एकादशी यानी 1 नवंबर को समाप्त होगा. इस कारण देवउठनी एकादशी तक कोई मांगलिक कार्य नहीं किए जाएंगे.

गुरु अस्त में क्या नहीं करना चाहिए?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब गुरु अस्त हो जाता है, तो विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, यज्ञोपवीत संस्कार , भवन प्रवेश, नया घर खरीदना, नामकरण आदि से लेकर कोई नई योजना भी शुरू करना अशुभ माना जाता है. इस समय में भगवान विष्णु की कृपा बाधित मानी जाती है.

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