हरियाणा

किसान महापंचायत ने टावर कंम्पनी द्वारा एक किसान पर कार्यवाही करवाने की कड़ी निंदा की आंदोलन चलाने के लिए 21 सदस्यी कमेटी का किया गठन

मामला सुलझाने के लिए प्रशासन को दिया तीन दिन का समय

भिवानी, (ब्यूरो): अखिल भारतीय किसान सभा तहसील भिवानी व अन्य किसान संगठनों व ग्रामीणों ने गांव प्रहलादगढ़ के खेतों में शनिवार को किसान महापंचायत की। जिसकी अध्यक्षता गांव प्रहलादगढ़ के सरपंच प्रतिनिधि ओमप्रकाश, पूर्व सरपंच सुबे सिंह, मास्टर शेर सिंह, संतोष देशवाल, जगदीश गोविंदपुरा, धिराना के पूर्व सरपंच मनीराम मलिक, खंजानी व तृप्ता ने संयुक्त रूप से की है। पंचायत का मंच संचालन किसान सभा के ब्लाक सचिव करतार ग्रेवाल ने किया। इस मौके पर किसान सभा के जिला प्रधान रामफल देशवाल, उपप्रधान कामरेड ओमप्रकाश व भारतीय किसान यूनियन के रवि आजाद, किसान सभा के याद विरेद्र शर्मा ने कहा कि प्रहलादगढ़ के किसान रमेश अपने खेत में ट्रैक्टर से खेत की जुताई कर रहे थे। उसको टावर का रस्सा टूटने की कोई जानकारी नहीं है। टावर कंपनी के कर्मचारी मजदूरों ने कमजोर रस्सा लगाने से टावर टूटा है। उन्होंने किसान की बेवजह पिटाई की है, जो नागरिक हस्पताल में भर्ती है। इसके प्रति ग्रामीणों में कंपनी के खिलाफ काफी गुस्सा था। किसान संगठनों ने कंपनी के कर्मचारियों पर किसान की बिना वजह पिटाई करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए, निर्दोष किसान के विरुद्ध पुलिस कार्यवाही व सवा करोड़ का कथित कंपनी का दावा खारिज किया जाए। अन्यथा किसान संगठन प्रशासन व कंपनी की तानाशाही के खिलाफ जोरदार आंदोलन चलाने पर मजबूर होंगे। जब तक कंपनी द्वारा किसान रमेश के खिलाफ मनमानी कार्यवाही वापिस नहीं होगी, तब तक टावर के पास अनिश्चित कालीन धरना जारी रहेगा और वे किसान के उत्पीडऩ को सहन नहीं करेंगे। आन्दोलन चलाने के लिए 21 सदस्यी कमेटी का गठन किया गया है, जो इस आंदोलन को चलाएगी। वीरेन्द्र नंबरदार ने कमेटी का फैसला सुनाते हुए कहा कि प्रशासन तथा कंपनी को यह मामला सुलझाने के लिए तीन दिन का समय दिया जाता है। यदि कंपनी ने समाधान नहीं किया तो किसान संगठनों व चोगामा महापंचायत को शामिल करके बड़ी किसान महापंचायत करेंगे तथा टावर का काम बंद करवाएंगे। धरने में प्रहलादगढ़ विरेंद्र नंबरदार, सुरेश डाक्टर, अशोक कुमार, सुभाष यादव, निमड़ीवाली से राकेश आर्य, वीरभान गिल, घिराना से याद विरेंद्र शर्मा, प्रहलादगढ़ से छतरपाल सहित सैंकड़ों ग्रामीण मौजदू रहे।

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