राष्ट्रीय

झारखंड ग्रामीण कार्य विभाग भ्रष्टाचार केस: ED ने दाखिल की चौथी चार्जशीट, बड़ा एक्शन

झारखंड सरकार के ग्रामीण कार्य विभाग में भ्रष्टाचार के मामले में ईडी ने बीते दिनों चौथी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की. यह चार्जशीट रांची की विशेष पीएमएलए (PMLA) अदालत में दाखिल की गई है. इस नई चार्जशीट में 8 और लोगों को आरोपी बनाया गया है. इनमें कुछ ठेकेदार, अफसरों के करीबी और उनके परिवार के सदस्य शामिल हैं. इन पर अपराध की कमाई, उसे संभालने और सफेद करने का आरोप है. अब तक इस केस में कुल 22 लोग आरोपी बन चुके हैं.

यह जांच एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB), जमशेदपुर की एफआईआर पर आधारित है, जिसमें जूनियर इंजीनियर सुरेश प्रसाद वर्मा को रिश्वत लेते पकड़ा गया था. बाद में छापेमारी में ग्रामीण कार्य विभाग के तत्कालीन मुख्य अभियंता वीरेंद्र कुमार राम से जुड़े ठिकानों से ₹2.67 करोड़ नकद बरामद किए गए थे. ED की जांच में पता चला कि विभाग में एक बड़ा भ्रष्टाचार रैकेट चल रहा था.

हर टेंडर पर आलमगीर को मिलता था कमीशन

पहले की शिकायतों में यह बात सामने आई थी कि मुख्य अभियंता वीरेंद्र कुमार राम ठेके से मिलने वाले कमीशन का प्रबंधन करते थे. जांच में यह भी सामने आया कि उस समय के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को हर टेंडर पर तय कमीशन मिलता था, जिसे उनका निजी सचिव संजय कुमार लाल और उसके साथी वसूलते थे. इस मामले में अब तक हुई छापेमारियों में ₹37 करोड़ से ज़्यादा नकदी बरामद हो चुकी है.

यह पैसा दिल्ली के कुछ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और एंट्री ऑपरेटरों के ज़रिए घुमाकर संपत्तियों में लगाया गया था. बुधवार को दाखिल की गई इस चौथी चार्जशीट में कई ठेकेदारों की भूमिका भी साफ़ की गई है. जिसमें, राजेश कुमार (और उनकी कंपनियां राजेश कुमार कंस्ट्रक्शंस प्रा. लि. और परमानंद सिंह बिल्डर्स प्रा. लि.) ने माना है कि उन्होंने ₹1.88 करोड़ की रिश्वत दी और दो लग्ज़री गाड़ियां (टोयोटा इनोवा और टोयोटा फॉर्च्यूनर) भी गिफ्ट में दीं.

राधा मोहन साहू का कबूलनामा

ठेकेदार राधा मोहन साहू ने भी माना कि उन्होंने ₹39 लाख और एक टोयोटा फॉर्च्यूनर (जो उनके बेटे अंकित साहू के नाम पर थी) रिश्वत के रूप में दी. ये तीनों गाड़ियां बाद में वीरेंद्र कुमार राम के पास से बरामद हुईं. जांच में यह भी सामने आया कि कुछ लोग अफसरों के लिए पैसे संभालते और आगे बढ़ाते थे. अतिकुल रहमान उर्फ अतिकुल रहमान अंसारी, जो वीरेंद्र राम के करीबी थे, के घर से ₹4.40 लाख नकद मिले.

राजीव कुमार सिंह, जो ठेकेदार और अफसरों के बीच बिचौलिये का काम करता था, के यहां से ₹2.13 करोड़ नकद बरामद हुए. उसने माना कि उसने करीब ₹15 करोड़ कमीशन का पैसा इकट्ठा किया था. रीता लाल, जो आरोपी संजय कुमार लाल (पूर्व मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव) की पत्नी हैं, पर भी आरोप है कि उन्होंने रिश्वत के पैसों से संपत्तियां खरीदीं और उन्हें वैध आय के रूप में दिखाने की कोशिश की. अब तक ED ने इस मामले में ₹44 करोड़ से ज़्यादा की संपत्तियां जब्त की हैं और अदालत से सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने और इन संपत्तियों को ज़ब्त करने की अनुमति मांगी है.

Related Articles

Back to top button