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शरद पवार की पार्टी में बड़ा उलटफेर, जयंत पाटिल ने छोड़ा अध्यक्ष पद, क्या अजित पवार गुट में होंगे शामिल?

राष्ट्रवादी शरद पवार गुट के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कुछ दिन पहले इस संबंध में संकेत भी दिए थे. इसके बाद अब उन्होंने आज प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. जयंत पाटिल के इस्तीफे के बाद अब प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी शशिकांत शिंदे को दी गई है. जयंत पाटिल के इस्तीफे के बाद यह अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या वह अजित पवार की पार्टी एनसीपी में शामिल होंगे?

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की फूट के बाद दो गुट बन गए थे, जिसमें से पार्टी का चिन्ह और पार्टी का आधिकारिक नाम शरद पवार के भतीजे अजित पवार के पास चले गया. वहीं शरद पवार को अपने गिने चुने समर्थकों के साथ NCP शरद पवार गुट में संतोष करना पड़ा.

अजित पवार सहित पार्टी का आधा से ज्यादा कैडर चले जाने के बाद शरद पवार के पास कुछ एक वफादार नेता बच गए थे जिनमें सबसे ज्यादा करीब जयंत पाटिल रहे हैं, लेकिन पार्टी प्रदेश अध्यक्ष छोड़ अब अटकलें तेज हो गई हैं कि वे अजित पवार का साथ जा सकते हैं हालांकि कोई भी इसे खुलकर नहीं बोल रहा.

पहले भी टूट चुकी है एनसीपी

साल 2019 में जब अजित पवार ने चाचा शरद पवार को छोड़ 83 घंटे की बीजेपी सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उसके बाद से जयंत पाटिल को प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान सौंपी गई थी. इसके बाद जब अजित पवार को मना लिया गया था और वे वापस लौटे थे, तब भी जयंत पाटिल को प्रदेश अध्यक्ष पद पर बनाए रखा था.

इसके बाद जब अजित पवार पार्टी के नाम और सिंबल के साथ 2024 में अलग हुए तब भी शरद पवार ने अपने पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष की कमान जयंत पाटिल के पास रखी थी.

अजित पवार के संपर्क में जयंत पाटिल

अब इस बात की अटकलें राजनीतिक गलियारों तेज हो गई है कि जल्द ही जयंत पाटिल अजित पवार के पार्टी में शामिल होंगे. अजित पवार गुट के एक नेता ने बताया,”जयंत पाटिल और अजीत पवार के रिश्ते में कुछ खास खटास नहीं है. जयंत पाटिल और अजित पवार ने साथ काम किया है. अजित पवार ने कई बार सार्वजनिक पटल पर भी जयंत पाटिल को अपने पास आने का न्योता दिया था.

इसमें बिल्कुल आश्चर्य होने वाली बात नहीं कि वह अजित पवार के दल में शामिल होंगे. दोनों ने पहले भी साथ काम किया है. विपक्ष और सरकार में अलग-अलग होने के बाद भी काम किया है तो अगर वे अजित पवार के साथ जाते हैं तो आश्चर्य की बात नहीं है.

दूसरी ओर, अजित पवार गुट के बड़े नेता कहा, “ये बात सच है कि जयंत पाटिल संपर्क में हैं, लेकिन उनके रिश्ते देवेंद्र फडणवीस के साथ भी बहुत अच्छे हैं, तो ऐसी स्थिति में उनके पास विकल्प बहुत हैं. इसकी चर्चा तो है कि जयंत पाटिल आ सकते हैं, लेकिन वे अकेले नहीं आएंगे. वे अगर आते भी है तो 5-6 विधायकों को साथ लेकर आएंगे या फिर पार्टी भी विलय की जा सकती है.”

अकेले गए तो जाएगी विधायकी

जयंत पाटिल ने तुतारी के सिंबल पर शरद पवार की पार्टी NCP SP से चुनाव लड़ा है, ऐसे में यदि वे अकेले दल बदलते हैं तो उनकी विधायकी जा सकती है, लेकिन यदि पार्टी के दो तिहाई विधायक उनके साथ अजित पवार के साथ जाएं तो विधायकी बची रहेगी.

जयंत पाटिल के करीबी सूत्रों ने कहा “कई साल से वे इस पद को छोड़ना चाह रहे थे. शरद पवार के आग्रह पर उन्होंने यह पद संभाल रखा था. फिलहाल वे अगर अकेले पार्टी छोड़ दें तो उनकी विधायकी चली जाएगी और तब वे किसी भी दल में शामिल हो पाएंगे, लेकिन वे ऐसा करेंगे ऐसा लगता नहीं, वो कोई भी निर्णय शरद पवार के बताए बगैर नहीं लेंगे. बात रही पार्टी के मर्जर की यदि ऐसा होता है तो इससे शरद पवार के सेक्युलर इमेज पर बहुत असर होगा, जिससे मर्जर के बाद पार्टी का नुकसान भी हो सकता है. इसलिए अभी कुछ भी कहना बहुत जल्दबाजी होगी.”

अजित पवार के गुट के नेता अमोल मिटकरी ने कहा “जयंत पाटिल अभी शरद पवार गुट के नेता हैं. उन्होंने खुद से प्रदेश अध्यक्ष पद का इस्तीफा दिया है. पार्टी नहीं छोड़ी है. इस बात की कई दिनों से चर्चा थी कि वे किसी दल में शामिल होंगे, लेकिन अभी हम वेट एंड वॉच की भूमिका में हैं, लेकिन उनके इस्तीफे ने राजनीतिक अटकलों को जन्म दे तो दिया, लेकिन अभी हम कुछ नहीं कहेंगे आगे-आगे देखिए होता है क्या?”

शशिकांत शिंदे होंगे नए प्रदेश अध्यक्ष

शशिकांत शिंदे जो कि विधान परिषद में NCP SP के विधायक हैं. अब उनके नाम पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद की मुहर लग गई. मंगलवार को पार्टी के जनरल मीटिंग में इसकी घोषणा की जाएगी।

शशिकांत शिंदे ने टीवी9 भारतवर्ष से कहा “ये बात सच है कि मेरे नाम की चर्चा है , लेकिन इसकी आधिकारिक घोषणा पार्टी की जनरल मीटिंग यानि कि 15 जुलाई को इसकी आधिकारिक घोषणा की जाएगी. मैं नहीं जानता कि जयंत पाटिल साहब ने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा क्यों दिया, लेकिन हम सभी को उनका आदर है और इस बात में कोई सच्चाई नहीं की वे पार्टी छोड़ रहें हैं.”

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