बिहार

प्रशांत किशोर का बड़ा दावा: कहा—नीतीश सरकार न होती तो JDU को सिर्फ 25 सीटें मिलती

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जन सुराज पार्टी का खाता भी नहीं खुला. पार्टी के करीब 95 प्रतिशत से ज्यादा उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई. इस बीच पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर का बयान सामने आया है. उन्होंने दावा किया है कि नीतीश सरकार ने अगर महिलाओं को 10,000 रुपए न दिए होते तो जेडीयू को महज 25 सीटें ही मिलती.

मंगलवार (18 नवंबर) को राजधानी पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पीके ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के 60,000 लाभार्थियों को 10,000 रुपए न दिए होते और राज्य भर की 1.5 करोड़ महिलाओं को स्वरोजगार योजनाओं के तहत 2 लाख रुपए देने का वादा न किया होता, तो उनकी पार्टी जेडीयू को सिर्फ 25 सीटें ही मिलतीं.

’20 नवंबर को एक दिन का उपवास रखेंगे’

प्रशांत किशोर ने कहा कि उनकी पार्टी जन सुराज पार्टी ने ईमानदारी से प्रयास किया, लेकिन चुनावों में कोई खास सफलता नहीं मिली. उन्होंने कहा कि वह इस हार की पूरी ज़िम्मेदारी लेते हैं. उन्होंने कहा कि प्रायश्चित के लिए 20 नवंबर को एक दिन का उपवास रखेंगे. उन्होंने कहा ‘हमें झटका लगा है, लेकिन हम अपनी गलतियों को सुधारेंगे, खुद को मज़बूत करेंगे और मज़बूती से वापसी करेंगे. हमारे लिए अब पीछे मुड़कर देखने का कोई सवाल ही नहीं है’.

‘बिहार को समझने में नाकाम रहा’

एनडीए पर हमला करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि वह . नीतीश कुमार और बीजेपी नेता सम्राट चौधरी की तरह, बिहार को समझने में नाकाम रहे जिन्होंने लोगों को जाति और धर्म के आधार पर बांटा और पैसे से लोगों के वोट खरीदे. उन्होंने कहा ‘वोट न मिलना कोई अपराध नहीं है. कम से कम मैं भ्रष्टाचार या विभाजनकारी राजनीति में तो शामिल नहीं हुआ’.

इसके साथ ही प्रशांत किशोर ने यह भी आरोप लगाया कि ‘वोट चोरी’ पूरे देश में होती है. उन्होंने विपक्षी दलों से इस मामले पर विचार-विमर्श करने और ज़रूरत पड़ने पर सर्वोच्च न्यायालय जाने का आग्रह किया.

‘तो राजनीति छोड़ दूंगा…’

वहीं राजनीति से संन्यास लेने वाले दावे को लेकर किए गए सवाल पर पीके ने कहा कि अगर एनडीए सरकार अपना चुनावी वादा पूरा करती है और स्व-रोज़गार पहल के तहत 1.5 करोड़ महिलाओं को 2-2 लाख रुपए देती है, तो वह निश्चित रूप से राजनीति छोड़ देंगे. उन्होंने कहा कि लोगों ने एनडीए को जनादेश दिया है अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के कंधों पर अपने चुनावी वादों को पूरा करने की ज़िम्मेदारी है.

‘वादे के अनुसार 2 लाख रुपए देने चाहिए’

उन्होंने कहा ‘स्व-रोज़गार बहुत ज़रूरी है; उन्हें अपने वादे के अनुसार 2 लाख रुपए देने चाहिए. जिन लोगों को छह महीने में पैसा नहीं मिलता, वे जन सुराज अभियान में आ सकते हैं, हम यह सुनिश्चित करने के लिए लड़ेंगे कि उन्हें यह राशि मिले’.उन्होंने कहा कि जिसे भी दो लाख रुपये नहीं मिल रहे वह हमसे संपर्क करे, जन सुराज के लोगों से संपर्क करे. हम अधिकारियों के पास आपके साथ चलेंगे. नीतीश कुमार के पास भी चलेंगे और आपकी आवाज बनेंगे.

पीके ने ली हार की जिम्मेदारी

प्रशांत किशोर ने चुनाव में जन सुराज की करारी हार की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि प्रायश्चित के लिए 20 नवंबर को एक दिन का उपवास रखेगंगे. उन्होंने कहा कि पश्चाताप के तौर पर वह 20 नवंबर को पश्चिम चंपारण जिले के बितिहरवा में एक दिन का उपवास रखेंगे.

जन सुराज का नहीं खुला खाता

बिहार चुनाव के परिणाम की बात करें तो सूबे में 243 सदस्यीय विधानसभा में सीटों में से एनडीए ने 202 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी की, जिसमें बीजेपी को 89, जेडी(यू) को 85, एलजेपी(आरवी) को 19, हम को 5 और आरएलएम को 4 सीटें मिलीं. वहीं जन सुराज पार्टी अपने पहले चुनाव में खाता भी नहीं खोल पाई.

Related Articles

Back to top button