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क्या बंगाल में भी बिहार जैसी स्थिति? 14 लाख SIR फॉर्म अभी तक नहीं जुटाए गए

देश के 12 राज्यों में केंद्र सरकार SIR (Special Intensive Revision) करा रही है, लेकिन उत्तर प्रदेश से लेकर केरल, तमिलनाडु और बंगाल तक इसको लेकर विरोध भी जारी है. ममता बनर्जी पहले ही SIR को एक बड़ी साजिश बता चुकी हैं. चुनाव आयोग ने मंगलवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में अब तक करीब 14 लाख SIR गिनती के फॉर्म कलेक्ट नहीं किए जा सके हैं.

एक अधिकारी ने कहा कि ये फॉर्म कलेक्ट नहीं किए जा सकते, क्योंकि वोटर या तो गैर-हाजिर थे, डुप्लीकेट थे, मर चुके थे या हमेशा के लिए कहीं और चले गए थे. सोमवार को यह संख्या 10.33 लाख थी और ये तेजी से बढ़ रही है, जिससे संकेत मिल रहे हैं कि बिहार की तरह ही बंगाल में भी भारी संख्या में वोट कट सकते हैं. बता दें, बिहार में हुए SIR के दौरान 62 लाख वोट काटे गए थे.

संख्या के और बढ़ने की उम्मीद

SIR अधिकारी ने कहा कि मंगलवार दोपहर तक, यह संख्या 13.92 लाख थी. हमें उम्मीद है कि जैसे-जैसे और अपडेट आएंगे, यह संख्या रोज़ बढ़ती रहेगी.” बता दें कि बूथ लेवल ऑफिसरों (BLOs) को देश भर में घरों से डेटा इकट्ठा करने का काम सौंपा गया है. अधिकारी ने बताया कि BLO फॉर्म बांटने और जरूरी जानकारी इकट्ठा करने में एक्टिव रूप से लगे हुए हैं.

अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल में 80,600 से ज़्यादा BLOs, लगभग 8 हजार सुपरवाइजर, 3 हजार असिस्टेंट इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर और 294 इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर को रिवीजन के काम में लगाया गया है.

SIR प्रक्रिया के दौरान 3 BLOs की मौत

अभी तक, चल रहे SIR के बीच राज्य में तीन BLOs की मौत हो चुकी है. कई संगठनों और राजनीतिक दलों ने आरोप लगाया है कि ये मौतों BLOs के ऊपर डाले गए काम के दबाव के कारण हुई है. बंगाल ही नहीं देश के दूसरे राज्यों से भी ऐसी खबरें आई हैं. केरल में भी एक BLO ने दबाव में आकर आत्महत्या करली, जिसका जिक्र करते हुए मुस्लिम लीग ने सुप्रीम कोर्ट में SIR के खिलाफ याचिका डाली है.

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