ईरान ने आखिरी वक्त तक नहीं मानी हार, इन 2 फोन कॉल से जाकर रुकी इजराइल से जंग

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कतर की सिफारिश पर ईरान और इजराइल के बीच सीजफायर कराया है. यह खुलासा मैगजीन न्यूजवीक ने अमेरिकी राजनयिक सूत्रों के हवाले से किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान ने जैसे ही कतर पर मिसाइलें दागीं, वैसे ही कतर के अमीर और प्रधानमंत्री अमेरिका की तरफ देखने लगे.
न्यूजवीक ने अमेरिकी राजदूत के हवाले से कहा कि कतर की सिफारिश पर ट्रंप ने मध्यपूर्व के अपने दूत विटकॉफ से बात की. विटकॉफ ने इसके बाद ईरानी समकक्ष को फोन मिलाया.
ऐलान होने तक एक्टिव रहे कतर के अमीर
रिपोर्ट के मुताबिक सीजफायर के ऐलान होने तक कतर के अमीर और प्रधानमंत्री एक्टिव रहे. दोनों लगातार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से बात करते रहे.
ईरान ने सोमवार को आधी रात में कतर पर ही मिसाइल अटैक किया था. दोहा के अमेरिकी एयरबेस पर ईरान ने 6 मिसाइल दागे थे. कतर आगे भी हमले का डर सता रहा था.
विटकॉफ के फोन पर ईरान ने रख दी शर्त
Axios ने व्हाइट हाउस के सूत्रों के हवाले से बताया है कि जैसे ही विटकॉफ ने ईरान के विदेश मंत्री को फोन लगाया. वैसे ही विदेश मंत्री ने शर्त रख दी. ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघाची का कहना था कि इजराइल हमला रोकेगा, तभी बात बन सकती है.
अराघाची के मुताबिक जंग की शुरुआत इजराइल ने की थी. हमला रोकना भी उसी का काम है. इजराइल हमला रोकता है तब हम भी हमला नहीं करेंगे. फोन पर विटकॉफ ने ईरान को यह भरोसा दिलाया कि इजराइल अगले 24 घंटे बाद हमला नहीं करेगा.
ईरान के विदेश मंत्री से फोन पर बात करने के बाद विटकॉफ ने अपना संदेश व्हाइट हाउस को भेज दिया. इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने सीजफायर की घोषणा की.
बड़ा सवाल- जंग में अब आगे क्या?
इजराइल और अमेरिका की कोशिश ईरान के यूरेनियम संवर्धन को खत्म करने की थी. अमेरिका ने इसी रणनीति के तहत ईरान के 3 न्यूक्लियर साइट को निशाने पर लिया. हालांकि, ईरान का कहना है कि वहां यूरेनियम थे ही नहीं.
द टेलीग्राफ ब्रिटेन की रिपोर्ट के मुताबिक अटैक से पहले ही 400 किलोग्राम यूरेनियम को ईरान ने शिफ्ट कर लिया. इसके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है.
इजराइल का कहना है कि अभी एक-दो साल तक ईरान परमाणु बम तैयार नहीं करा पाएगा. आगे क्या होगा, यह बहुत कुछ ईरान की अगली रणनीति पर निर्भर करेगा.