धर्म/अध्यात्म

छठ पूजा के पहले दिन अर्घ्य में करें ये मंत्रों का जाप, मिलेगा सूर्य देव का विशेष आशीर्वाद

सनातन धर्म में छठ के महापर्व का महत्व बहुत है. आज से छठ का महापर्व शुरू हो चुका है. छठ का महापर्व छठी मैया और सूर्य देव को समर्पित है. आज नहाय-खाय है. कल खरना होगा. इसके बाद 27 अक्टूबर को शाम को अस्ताचलगामी सूर्य यानी डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. फिर छठ पूजा के अंतिम दिन यानी 28 अक्टूबर को उदयगामी सूर्य यानी उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा.

इसके बाद ये महापर्व संपन्न होगा. छठ महापर्व को सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है. चार दिनों तक चलने वाले इस व्रत में दो बार सूर्य देव को अर्घ्य देने का विधान है. छठ पूजा पर कुछ खास मंत्रों का अगर जाप किया जाए तो सूर्य देव अति प्रसन्न होते हैं, जिससे सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है. ऐसे में आइए जानते हैं कि छठ पूजा पर अर्घ्य देते समय किन मंत्रों का जाप करना चाहिए?

इन मत्रों का करें जाप

सूर्य मंत्र

 

नमः सूर्याय शान्ताय सर्वरोग निवारिणे आयुर्य मैस्वैर्यं देहि देवः जगत्पते।। नमः सूर्याय शान्ताय सर्वरोग निवारिणे, आयुरोग्य मैस्वैर्यं देहि देवः जगत्पते।।

ज्योतिष शास्त्र में सूर्य देव उर्जा और शक्ति के स्रोत माने गए हैं. छठ के दौरान सूर्य देव के इस मंत्र के जाप करने से व्रती को स्वस्थ और खुशहाल जीवन मिलता है.

सूर्य गायत्री मंत्र

 

ॐ भास्कराय विद्महे महादुत्याधिकराय धीमहि तन्मो आदित्य प्रचोदयात्।। ॐ भास्कराय विद्महे महादुत्याथिकराय धीमहि तनः सूर्य प्रचोदयात्

वैदिक ज्योतिष में बताया गया है कि सूर्य गायत्री मंत्र बहुत शक्तिशाली और कल्याणकारी है. छठ के दौरान सूर्य गायत्री मंत्र का जाप करने से शारीरिक मजबूती आती है. साथ ही सकारात्मक उर्जा का संचार होता है.

सूर्य बीज मंत्र

 

ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः।। ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः

सूर्य बीज मंत्र को अत्यंत प्रभावशाली और दिव्य माना जाता है. इस मंत्र को जपने वाले को सूर्य देव की उर्जा से सीधे जुड़ने में मदद मिलती है. साथ ही इस मंत्र का जाप करने से आंखों से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं.

आदित्य हृदय स्तोत्र

आदित्यहृदयं पुण्यं सर्वशत्रुविनाशनम् जयवाहं जपं नित्यमक्षयं परमं शिवम्।। आदित्य हृदयाय पुण्यं सर्व शत्रु विनाशनम् जयवाहं जपेनिथ्यं अक्षयं परमं शिवम्

सूर्य देव के इस स्तोत्र का नियमित पाठ करना चाहिए. इस मंत्र का पाठ करने से आत्मविश्वास बढ़ता है. साथ ही कार्यों में सफलता मिलती है.

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