अन्तर्राष्ट्रीय

इंडोनेशिया की मुस्लिम महिलाओं और पुरुषों ने अपनी बॉडी पर चलाया ऐसा ‘सफाई अभियान’ की हर तरफ चर्चा

बॉडी पर टैटू बनाना आज के समय में एक आम बात है. टैटू एक कला का रूप माना जाता है, जिसमें व्यक्ति अपनी बॉडी के किसी पार्ट पर स्थायी डिजाइन बनवाता है. यह किसी विशेष भावना, विचार, या पहचान को दर्शाने का एक तरीका हो सकता है, कुछ लोग इसको सिर्फ फैशन के लिए भी बनवाते हैं. कुछ जगहों पर टैटू को नकारात्मक रूप से देखा जाता है, वहीं इस्लाम धर्म में इसे बनाने पर सख्त मनाही है. साथ ही इससे कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं.

इंडोनेशिया में रमजान के महीने में ऐसे लोगों की संख्या बढ़ गई है, जो अपना टैटू हटवा रहे हैं. बता दें कि टैटू बनाने में जितना दर्द होता है, उससे कही ज्यादा दर्द टैटू हटवाने में होता है. फिर भी रमजान के महीने में लोग अपने इस गलत काम के पछतावे के चलते टैटू रिमूव करवा रहे हैं. इस दौरान रमजान के महीने में अमिल जकात नेशनल एजेंसी टैटू हटाने के लिए फ्री सेवा दे रही है.

टैटू रिमूव करा रहे सेपुत्रा ने कहा, “इंसान होने के नाते, हम कभी-कभी गलतियां करते हैं. अब मैं ईश्वर के करीब जाकर खुद को बेहतर बनाना चाहता हूं.” जब एक स्वास्थ्यकर्मी ने सेपुत्रा की स्किन पर सफेद लेजर छड़ी को निशाना बनाया, जिससे उसकी रोशनी से लाल, हरे और काले रंग का टैटू रिमूव हो गया, तो सेपुत्रा ने कहा, “ईश्वर ने मुझे साफ त्वचा दी और मैंने इसे बर्बाद कर दिया, यही मुझे अब पछतावा है.”

हर रमजान फ्री टैटू रिमूवल प्रोग्राम

चैरिटी संगठन अमिल जकात नेशनल एजेंसी की ओर से 2019 में शुरू किया गया टैटू हटाने का प्रोग्राम अब हर रमजान में आयोजित किया जाता है. इस साल सेवाओं के लिए करीब 700 लोगों ने रजिस्टर्ड कराया है और कुल मिलाकर लगभग 3 हजार लोगों ने हिस्सा लिया है.

महंगा है टैटू हटवाना

टैटू का हटाना टैटू बनवाने से भी महंगा होता है. इस फ्री टैटू रिमूवल प्रोग्राम की देख रेख कर रहे मोहम्मद असेप वाहुदी ने कहा, “हम उन लोगों के लिए रास्ता बनाना चाहते हैं जो हिजरा (ईश्वर के करीब जाना) करना चाहते हैं, जिनमें वे लोग भी शामिल हैं जो अपने टैटू हटाना चाहते हैं.” उन्होंने कहा कि बहुत से लोग अपने टैटू हटाने का खर्च नहीं उठा सकते या नहीं जानते कि वे इसे सुरक्षित तरीके से कहां और कैसे हटा सकते हैं.

Related Articles

Back to top button