भारत ने रूस से तेल खरीदना बंद किया, ये पुतिन के लिए झटका: ट्रंप

अमेरिका की तरफ से पिछले दिनों भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ का ऐलान किया गया था. इस टैरिफ के पीछे की वजह डोनाल्ड ट्रंप ने भारत की रूस से हो रही खरीदारी को बताया था. उन्होंने कहा था कि भारत को रूस से व्यापार करने पर पेनाल्टी भी देनी होगी. तो वहीं शुक्रवार को ट्रंप और पुतिन की अलास्का में मुलाकात हुई. हालांकि ये मुलाकात बिना किसी नतीजे के खत्म हो गई. इससे पहले ट्रंप ने भारत और रूस को लेकर बड़ा दावा किया. उन्होंने कहा कि रूस ने अपने तेल के एक बड़े ग्राहक को खो दिया है, जो भारत है.
डोनाल्ड ट्रंप ने फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा है कि “रूस ने अपने तेल के एक बड़े क्लाइंट को खो दिया है, जो भारत है. भारत, रूसी तेल व्यापार का 40% हिस्सा संभाल रहा था. अगर मैं अब सेकेंडरी प्रतिबंध लगाता हूं, तो यह उनके लिए विनाशकारी होगा. अगर मुझे ऐसा करना पड़ा, तो मैं करूँगा, हो सकता है मुझे ऐसा करने की जरूरत ही न पड़े.
भारत की रूस से खरीदारी जारी
अलास्का समिट में पुतिन से मुलाकात को भले ही ट्रंप ने पॉजिटिव बताया हो, लेकिन उनके हाव-भाव देखकर माना जा रहा है कि ये किसी तरह पॉजिटिव नहीं रही है. ट्रंप ने समिट से पहले रूस और भारत के व्यापार को लेकर बयान दे दिया है. ट्रंप के टैरिफ के ऐलान के बाद भी भारत लगातार रूस से तेल की खरीदारी कर रहा है. भारत के कुल तेल आयात का लगभग 35-40% हिस्सा रूस से आ रहा है.
अलास्का समिट से पहले दी थी ट्रंप ने धमकी
अलास्का में हुए समिट से पहले ट्रंप ने धमकी दी थी कि अगर ये मुलाकात बेनतीजा रही तो भारत पर और टैरिफ बढ़ाया जाएगा. ऐसे में हर तरफ से सवाल उठ रहे हैं कि समिट के दौरान किसी भी बात पर सहमति नहीं बन पाई है. तो क्या आने वाले समय में ट्रंप एक बार फिर भारत पर टैरिफ बढ़ाएंगे या फिर आने वाले दिनों होने वाली मुलाकात का इंतजार करेंगे.
6 अगस्त को लगाया था भारत पर अतिरिक्त टैरिफ
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 6 अगस्त को भारत पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान किया था. इसके पीछे उन्होंने रूस से तेल खरीदी का हवाला दिया था. इससे पहले 30 जुलाई को 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया था. अब भारत पर अमेरिका का कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो गया है. 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ 27 अगस्त लागू होगा. भारत ने अमेरिका और यूरोपीय संघ पर आरोप लगाया कि वे भारत को अनुचित तरीके से टारगेट कर रहे हैं, जबकि वे खुद रूस से जरूरी सामान आयात कर रहे हैं.