राष्ट्रीय

पाकिस्तानी न्यूज चैनलों पर भारत ने लगाया बैन, शोएब अख्तर-आरजू काजमी का यूट्यूब चैनल भी बंद

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ लगातार एक्शन लिए जा रहे हैं. अब भारत सरकार ने गृह मंत्रालय की सिफारिशों के बाद पाकिस्तान के कई यूट्यूब चैनलों पर पाबंदी लगा दी है. इन चैनलों में पूर्व क्रिकेटर शोएब अख्तर और आरजू काजमी जैसे कई बड़े यूट्यूब चैनल भी शामिल हैं. साथ ही कई प्रमुख मीडिया हाउस के यूट्यूब चैनलों पर भी भारत में रोक लगा दी गई है. आतंकवादियों को ‘उग्रवादी’ कहे जाने पर बीबीसी को पत्र भेजा गया है.

गृह मंत्रालय की सिफारिशों के बाद भारत सरकार ने जम्मू और कश्मीर में पिछले हफ्ते 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकवादी घटना के बाद भारत, उसकी सेना और सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ भड़काऊ और सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील सामग्री, झूठे और गलत सूचना प्रसारित करने के लिए पाकिस्तान के कई यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगा दिया है.

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कई न्यूज चैनलों पर भी लगी रोक

पाकिस्तानी चैनलों पर रोक लगाने को लेकर मंत्रालय से जुड़े अधिकारी का कहना है कि भारत के खिलाफ भड़काऊ, सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील सामग्री और गलत सूचना प्रसारित करने के कारण पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल ब्लॉक किए गए हैं.

पाकिस्तान के जिन 16 यूट्यूब चैनलों पर रोक लगाई गई है, इसमें शोएब अख्तर के चैनल के अलावा वहां के कई बड़े मीडिया हाउस के यूट्यूब चैनल भी शामिल हैं. डॉन न्यूज, समा टीवी, एआरवाई न्यूज, बोल न्यूज, रफ्तार टीवी, द पाकिस्तान रेफरेंस, जियो न्यूज, समा स्पोर्ट्स और उजैर क्रिकेट प्रमुख हैं.

उग्रवादी कहने पर BBC को भेजा पत्र

भारत सरकार की ओर से पाकिस्तान के जिन 16 यूट्यूब चैनलों पर पाबंदी लगाई गई है, कुल मिलाकर इनके पास 63.08 मिलियन यानी 6.3 करोड़ से अधिक सबस्क्राइबर्स हैं. इसमें से सबसे अधिक सबस्क्राइबर्स जियो न्यूज के यूट्यूब चैनल जियो न्यूज के पास है. इसके कुल 18.1 मिलियन यानी 1.8 करोड़ सबस्क्राइबर्स हैं. इसी तरह एआरवाई न्यूज के करीब 14.6 मिलयन यानी 1.4 करोड़ से अधिक सबस्क्राइबर्स हैं. इसके बाद समा न्यूज के भी करीब 12.7 मिलियन (1.2 करोड़ से अधिक) सबस्क्राइबर्स हैं.

इस बीच समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, भारत सरकार ने बीबीसी को भी आतंकवादी को ‘उग्रवादी; कहे जाने पर पत्र लिखा है. सरकार ने बीबीसी को आतंकवादियों को ‘उग्रवादी’ बताने वाली उसकी रिपोर्ट पर औपचारिक पत्र भेजकर इस पर जवाब मांगा है.

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