बिजली दरों में वृद्धि अनुचित … उद्योगों के लिए घातक

न्यूज़ डेस्क हरियाणा। गुरुग्राम। विवेक भाटिया। प्रोग्रेसिव फेडरेशन ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (PFTI) में हाल ही में हरियाणा में हुई बिजली दरों में वृद्धि के विषय पर विस्तृत चर्चा का दौर जारी है। फेडरेशन के चेयरमैन दीपक मैनी के अनुसार बिजली दरों में की गई वृद्धि ना केवल आमजन के लिये परेशानी का सबब बन गई है बल्कि पहले से आर्थिक तंगी झेल रहे उद्योग जगत के लिये पूर्णतया घातक सिद्ध होने जा रही है। मैनी ने बताया कि प्रति यूनिट दरों में बढ़ोतरी के अलावा फिक्स चार्ज में बेतहाशा वृद्धि ने उद्योग जगत की चिंता बढ़ा दी है और विशेषकर छोटे उद्योगों की तो कमर तोड़ कर रख दी है। उन्होंने आगे बताया कि कम खपत वाले उद्योगों को बिजली पहले ही प्रति यूनिट लगभग 11 से 12 रुपये पड़ रही थी जो अब बढ़ कर लगभग 15 से 16 रुपए प्रति यूनिट हो जाएगी। यदि कोई उद्योग डीजल जनरेटर से बिजली इस्तेमाल करता है तो उसे लगभग 17-18 रुपये प्रति यूनिट का खर्च वहन करना पड़ता है । इस लिहाज से दोनों तरह की बिजली की प्रति यूनिट लागत में कोई अंतर नही रह गया है । पी एफ टी आई की बिजली समिति बिजली दरों में हुई बढ़ोतरी का विस्तृत आंकलन कर रही है और इस बारे में जल्द ही अपना पक्ष हरियाणा विद्युत नियामक आयोग के सामने रखेगी।
दीपक मैनी ने आगे बताया कि प्रथम दृष्ट्या ऐसा प्रतीत हो रहा है कि विद्युत नियामक आयोग ने बिजली दरों में बढ़ोतरी से पहले सभी पहलुओं पर समुचित विचार नहीं किया। विद्युत वितरण कंपनियां 2020-21 में लाभ में थीं और इस बारे में कयास लगाए जाने लगे थे कि हरियाणा में बिजली दरों को कम किया जाएगा परंतु पिछले लगभग 4-5 वर्षों में ही इन कम्पनियों का घाटा लगभग 5000 करोड़ पहुंच गया है। इस घाटे के कारणों की जांच करने के बजाय और घाटे से उबरने के लिए उचित उपायों का आंकलन करने की बजाय बिजली दरों में वृद्धि की अनुमति दे दी गई है जिस पर एक बार पुनर्विचार किया जाना चाहिए। पी एफ टी आई उद्योग जगत, विशेषकर छोटे और मझोले उद्योगों की कठिनाइयों के प्रति सचेत है और एक बेहतर माहौल बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
दीपक मैनी ने बताया कि बिजली दरों में वृद्धि के विरुद्ध हरियाणा सरकार को भी ज्ञापन दिया जाएगा जिसमें विभिन्न पहलुओं का विस्तृत आंकलन सरकार के समक्ष रखा जाएगा। दीपक मैनी ने आशा जताई कि पी एफ टी आई के द्वारा तथ्यों को सभी के समक्ष रखने के उपरांत विद्युत नियामक आयोग एवं हरियाणा सरकार बिजली दरों में की गई वृद्धि पर पुनर्विचार करेंगे और जल्द ही इस आधारहीन वृद्धि को वापिस लेंगे।