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किशोरी आत्महत्या मामले में SO समेत तीन निलंबित, आरोप- मनचलों के खिलाफ रिपोर्ट लिखाने गए तो पुलिसकर्मियों ने की पिटाई

चित्रकूट: शोहदों की छेड़छाड़ से परेशान और पुलिस के कार्रवाई न करने से आहत किशोरी ने 23 जून को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इब इस मामले में पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने कड़ा कदम उठाया है। उन्होंने मऊ थाना प्रभारी समेत तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। थाना प्रभारी और पुलिसकर्मियों पर पीड़िता की शिकायत दर्ज न करने और परिजनों से दुर्व्यवहार करने का आरोप है।

क्या है मामला? 
मऊ थानांतर्गत के एक गांव निवासी 16 वर्षीया कक्षा 10 की छात्रा गांव से दस किमी दूर साइकिल से कॉलेज पढने जाती थी। गांव के सगे भाई रंगीलाल और मुन्नीलाल उसके साथ छेड़छाड़ करते थे। इस मामले में उसके परिजनों ने कई बार शिकायत की पर पुलिसकर्मियों ने ध्यान नहीं दिया। आरोप है कि पुलिस वालों ने शिकायत करने गए पीड़िता के माता-पिता की पिटाई कर दी थी। इसके बाद शोहदे आए दिन उसे छेड़ने लगे। इससे क्षुब्ध होकर 23 जून की शाम किशोरी ने फांसी लगाकर मौत को गले लगा लिया।

परिजनों से मारपीट के आरोप
इस पूरे मामले में मऊ पुलिस पर कई गंभीर आरोप लग रहे हैं। मृतका की मां ने बताया कि फरवरी में परिजनों ने शोहदों की शिकायत की थी। मार्च में भी प्रार्थना पत्र दिया था। थाने में सुनवाई नहीं हुई तो इन लोगों ने डाक से एसपी को भी शिकायती पत्र भेजा था। तब भी कुछ नहीं हुआ और शोहदों की हरकतें बढ़ गईं। आरोप है कि बेटी के आत्महत्या करने के बाद जब परिजन थाने पहुंचे तो वहां पुलिसकर्मियों ने इनसे अभद्रता की और मारापीटा। पुराने प्रार्थनापत्रों को भी फाड़ दिया। मनमानी एफआईआर दर्ज कर उनको थमा दी। पोस्टमार्टम हाउस में मृतका की मां ने रोते हुए बताया कि जब वे लोग रिपोर्ट करने थाने गए तो वहां दरोगा जोर से डांटा कि मारकर के आए हो यहां रिपोर्ट करने। जब उसने कहा कि कोई अपनी बिटिया को मार डालेगा तो कहिस कि न लिखी जइ रिपोर्ट विपोर्ट। बताया कि वह किसी का फोन आने पर बात करने लगी तो वीडियो कालिंग का स्विच दब गया। इस पर यह कहकर उसे और उसके पति को मारापीटा गया कि वीडियो बना रही हो।

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