उत्तर प्रदेश

भीषण गर्मी में लोगों के साथ व्यापारी भी परेशान, हो रहा है करोड़ों का नुकसान : कुच्छल

न्यूज़ डेस्क उत्तरप्रदेश । नोएडा । राजेश शर्मा ।  इन दिनों नोएडा में आसमान से आग बरस रही है। तपते सूरज और गर्म हवाओं के थपेड़े शहर से लेकर मैदान और पहाड़ तक लोगों को झुलसा रहे हैं। नोएडा का तापमान भी 45 डिग्री से उपर तक जा पहुंचा है। ऐसे में दिन हो या रात लोग परेशान हो रहे हैं। वहीं दूसरी ओर शहर के व्यापारियों को भी गर्मी से बुरा हाल है। उन्हें करोड़ों का नुकसान झेलना पड़ रहा है। उपरोक्त बातें उत्तरप्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल, नोएडा के अध्यक्ष नरेश कुच्छल ने मीडिया को जारी एक वक्तव्य में कहा है।

उन्होंने बताया कि नोएडा शहर के व्यापारियों को भी गर्मी से करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ रहा है। गर्मी के कारण दोपहर के समय शहर की सड़कें वीरान नजर आती है जिसकी वजह से व्यापार की गति मंद तो कभी थम जाती है।
उन्होंने बताया कि नोएडा में पिछले 15 दिनों से जारी भीषण गर्मी के प्रकोप के कारण शहर के हजारों व्यापारियों के व्यापार पर इसका नकारात्मक असर पड़ा है। एक अनुमान के अनुसार, दो हफ्ते में तकरीबन 10 करोड़ से अधिक का घाटा व्यापारियों को उठाना पड़ा है। एक छोटे व्यापारी प्रतिदिन तकरीबन 5 से 10 हजार रुपये का नुकसान उठा रहे हैं। इससे उनकी पूंजी समाप्त हो रही है। वहीं दुकानों पर काम करनेवाले कर्मचारियों व श्रमिकों को समय पर वेतन देना पड़ता है। उन्हें व्यापार में घाटा/ नफा से कोई मतलब नहीं होता।
उन्होंने कहा कि नोएडा शहर में अनेक ऐसे दुकानदार भी हैं, जो हजारों रुपए का दुकान किराए पर लेकर अपना व्यापार करते हैं। जिसके कारण उन्हें अपनी आय का एक बड़ा भाग किराए के रूप में देना पड़ता है। लेकिन गर्मी के कारण दुकानों पर ग्राहकों की कमी लगातार बनी हुई है। ग्राहकों की कमी से व्यापार पर वित्तीय संकट बढ़ता जा रहा है और अनेक व्यापारी आर्थिक नुकसान झेलने को बाध्य हो रहे हैं।
उन्होंने व्यापारियों की पीड़ा पर चिन्ता जाहिर करते हुए कहा कि आगामी दिनों तक इसका असर देखा जाएगा।
उन्होंने बताया कि व्यापारी आर्थिक बोझ के तले दबते जा रहे हैं, जिससे उन्हें समय पर किराया देने में भी दिक्कतें आ रही है। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा लोगों को घर से बाहर नहीं निकलने की लगातार चेतावनी को दी जा रही है, पर प्रशासन द्वारा अपने स्तर पर गर्मी से व्यापारियों को कैसे राहत पहुंचे, इसके लिए आर्थिक प्रबंध नहीं किया जा रहा है।

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