त्योहारी सीजन में ट्रेनों में बढ़ी भीड़, अवध-आसाम, पंजाब मेल और अंडमान एक्सप्रेस में सीटें भर गईं

जींद: त्योहारी सीजन की शुरुआत होते ही ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ तेजी से बढ़ गई है. खासकर उत्तर भारत और पूर्वोत्तर की ओर जाने वाली लंबी दूरी की ट्रेनों में स्लीपर और थर्ड एसी कोच फुल हो चुके हैं. इससे प्रवासी यात्रियों को अपने घर पहुंचने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
रेलवे की मानें तो ट्रेन नंबर 15910 अवध-आसाम एक्सप्रेस, 12138 पंजाब मेल, 20424 पातालकोट एक्सप्रेस, 16031 अंडमान एक्सप्रेस और 16317 हिमसागर एक्सप्रेस जैसी प्रमुख ट्रेनों में स्लीपर और थर्ड एसी कोच में सीट उपलब्ध नहीं है. कुछ ट्रेनों में लंबी वेटिंग लिस्ट चल रही है.
जानें ट्रेनों की स्थिति:
- अवध-आसाम एक्सप्रेस (15910): स्लीपर और थर्ड एसी कोच में कोई सीट उपलब्ध नहीं.
- पंजाब मेल (12138): स्लीपर में 26 और थर्ड एसी में 20 यात्रियों की वेटिंग चल रही है.
- पातालकोट एक्सप्रेस (20424): स्लीपर में 46 और थर्ड एसी में 38 वेटिंग.
- अंडमान एक्सप्रेस (16031): स्लीपर और थर्ड एसी में सीट नहीं, टू एसी में 6 की वेटिंग.
- हिमसागर एक्सप्रेस (16317): स्लीपर और थर्ड एसी में टिकट मिलना मुश्किल.
जानें कौन सी ट्रेनें कब और कहां से होकर जाती हैं:
- अवध-आसाम एक्सप्रेस रात 7:50 बजे लालगढ़ से चलती है और जींद जंक्शन पर सुबह 4:27 बजे पहुंचती है. इसके बाद ट्रेन डिब्रूगढ़ की ओर जाती है.
- पंजाब मेल रात 9:55 बजे फिरोजपुर से रवाना होकर, जींद में रात 2:30 बजे रुकती है और मुंबई तक जाती है.
- पातालकोट एक्सप्रेस सुबह 4:10 बजे फिरोजपुर से चलती है और 9 बजे के करीब जींद पहुंचती है, अंत में यह ट्रेन सीनोई (मध्यप्रदेश) तक जाती है.
- अंडमान एक्सप्रेस चेन्नई सेंट्रल से चलकर मथुरा होते हुए रात 11:15 बजे जींद आती है और फिर कटरा पहुंचती है.
- हिमसागर एक्सप्रेस कन्याकुमारी से चलकर रात 11:15 बजे जींद पहुंचती है और कटरा तक जाती है.
यात्रियों को सलाह: इस बारे में रेलवे आरक्षण केंद्र के अधिकारी धीरज भुटानी ने बताया कि, “त्योहारी सीजन में प्रवासी यात्रियों की संख्या में इजाफा होता है, जिससे सीटों की उपलब्धता सीमित हो जाती है. अधिकतर लंबी दूरी की ट्रेनों में वेटिंग चल रही है, खासकर स्लीपर और थर्ड एसी कोच में. ऐसे यात्रियों को हमारी सलाह है कि वे यात्रा से पहले ऑनलाइन सीट स्थिति की जांच कर लें और संभव हो तो वैकल्पिक ट्रेनों या तारीखों की योजना बनाएं. रेलवे द्वारा अतिरिक्त ट्रेनों के संचालन की कोई आधिकारिक घोषणा अब तक नहीं की गई है.”