हरियाणा

हरियाणा में BJP ने लगाई थी जीत की हैट्रिक, फिर भी बनी हुई है अलर्ट, अब इस कमजोरी को भी ऐसे करेगी दूर

बीजेपी ने हरियाणा में 2024 के विधानसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाई थी. इसके बाद भी पार्टी अलर्ट मोड में है. बीजेपी अब हरियाणा में अपनी पकड़ मजबूत करने में जुट गई है. इसी के चलते मंगलवार को पार्टी ने कई मंत्रियों सहित पार्टी विधायकों को उन 42 विधानसभा सीटों का प्रभारी नियुक्त किया, जहां 2024 के राज्य चुनावों में उसके उम्मीदवार हार गए थे. यह निर्णय बीजेपी विधायक दल की बैठक में लिया गया.

बीजेपी हरियाणा में 2024 में कुल 90 में से 48 सीटें जीतकर लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटी थी. कांग्रेस को 37, इनेलो को दो और निर्दलीयों को तीन सीटें मिली थीं. हालांकि, अब हारी हुई इन 42 सीटों के लिए ही बीजेपी ने प्रभारी नियुक्त किए हैं.

नियुक्त किए गए प्रभारी

अब हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष मोहन लाल बडोली ने 42 सीटों के लिए प्रभारी नियुक्त किए, जिनका प्रतिनिधित्व वर्तमान सदन में विपक्षी विधायक करते हैं. इन सीटों में अंबाला सिटीबरोदाजुलानाडबवाली, सिरसा, आदमपुर, हिसार, गढ़ी सांपला किलोईरोहतकझज्जरनूंह और पंचकुला शामिल हैं.

किस-किस को प्रभारी किया गया नियुक्त

 

प्रभारी मंत्रियों में विपुल गोयल, गौरव गौतम, राव नरबीर सिंह, रणबीर गंगवामहिपाल ढांडा, कृष्ण कुमार बेदी, आरती सिंह राव और श्रुति चौधरी के नाम शामिल हैं. हालांकि, वरिष्ठ मंत्री अनिल विज का नाम लिस्ट से गायब है. पार्टी सूत्रों ने बताया कि अन्य बातों के अलावा, विधायक पार्टी को मजबूत करने, नई विकास जरूरतों की पहचान करने और जनता की शिकायतों का समाधान करने के लिए जमीनी स्तर पर काम करेंगे.

क्यों किया गया है नियुक्त?

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में मंगलवार को उनके आवास पर हुई बीजेपी विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक में यह निर्णय लिया गया था. पार्टी का ध्यान उन विधानसभा क्षेत्रों में अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने पर है जहा पार्टी को 2024 के चुनावों में हार का सामना करना पड़ा था. बैठक में साथ ही चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा और विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में प्रगति की गति को तेज करने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया. दो घंटे तक चली इस बैठक के बाद, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडोली ने कहा कि पार्टी ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक-एक विधायक को विकास कार्यों की निगरानी के लिए नियुक्त किया है.

एक बीजेपी नेता ने कहा, मंत्रियों सहित मौजूदा विधायकों को एक अतिरिक्त निर्वाचन क्षेत्र आवंटित किया जाएगा, जिसमें जमीनी स्तर पर काम करने, वहा के पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत स्थापित करने और किसी भी समस्या का समाधान करने का दायित्व होगा.

विपक्ष ने साधा निशाना

हालाकि, पार्टी के आलोचक इस योजना पर संदेह जता रहे हैं और बता रहे हैं कि 2014 में जब पार्टी पहली बार राज्य में सत्ता में आई थी, तब भी ऐसा ही प्रयोग किया गया था, जिसमें 33.2% वोट शेयर के साथ 47 सीटें जीती थीं. हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष उदय भान ने कहा, बीजेपी के ऐसे पिछले प्रयोगों का हरियाणा में कोई नतीजा नहीं निकला. 2019 के चुनावों में, बीजेपी 36.49% वोट शेयर के साथ 40 सीटें जीतकर बहुमत से चूक गई, जबकि कांग्रेस ने 28.08% वोट शेयर के साथ 31 सीटें जीतीं.

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