हरियाणा में ईंट लगाने को लेकर हुई बहस, बदले में दंपति पर किया हमला, CCTV में वारदात कैद
हरियाणा में बदमाशों के हौसले लगातार बुलंद होते जा रहे हैं। ताजा मामला पलवल से सामने आया है, जहां गांव बिल्लोचपुर में दंपति पर हथियारों से लैस होकर आए दर्जनभर से अधिक लोगों द्वारा जानलेवा हमला किया।
हरियाणा में बदमाशों के हौसले लगातार बुलंद होते जा रहे हैं। ताजा मामला पलवल से सामने आया है, जहां गांव बिल्लोचपुर में दंपति पर हथियारों से लैस होकर आए दर्जनभर से अधिक लोगों द्वारा जानलेवा हमला किया । हसनपुर थाना पुलिस ने मामले में शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर लिया है। वहीं पीड़ित परिवार ने पुलिस पर आरोपियों से मिलीभगत के गंभीर आरोप भी लगाए है।
बता दें कि पलवल के गांव बिल्लोचपुर का रहने वाला बीजेपी का कार्यकर्ता अरुण चांदहट मंडल का महामंत्री भी रह चुका है। अरुण के मुताबिक वो अपने घर के सामने पंचायती जगह पर ईंट लगा रहा था। तभी नरेश, टेकचंद, गुलवीर, रोहित दिगंबर, उमेश, गोविंदा और उनके साथ 8-10 लोग आए और उससे कहा कि यहां पर ईंट क्यों लग रहा है, ये हमारी जगह है। पीड़ित ने कहा कि ये तुम्हारी जगह नहीं बल्कि पंचायती जगह है। मैं यहां मकान थोड़ी बना रहा हूं। यहां सिर्फ ईट लगा रहा हूं, जिन्हें बाद में यहां से हटा दूंगा। इतना कहते ही उक्त लोग उसके साथ गाली गलौच करके चले गए और थोड़ी देर बाद लाठी डंडा और तेजधार हथियार लेकर उसके घर पर आ गए।
जिसके बाद बदमाशों ने पीड़ित व उसकी पत्नी पर जानलेवा हमला कर देते हैं। हमले की ये वारदात उनके घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो गई। पीड़ित का आरोप है कि आरोपियों के पास अवैध देसी कट्टा भी था। मौके पर लोगों के एकत्रित होने पर सभी आरोपी उन्हें जान से मारने की धमकी देकर फरार हो गई। इसके बाद पीड़ित ने मामले की लिखित शिकायत हसनपुर थाना पुलिस को दी और पुलिस ने उसकी शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
पुलिस पर मिलीभगत के आरोप
पीड़ित ने पुलिस पर भी आरोपियों से मिलीभगत करने के आरोप लगाए हैं और पलवल एसपी से न्याय की गुहार भी लगाई है। उसका कहना है कि अगर जल्द ही पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई नहीं की। तो वो पलवल एसपी से मिलेंगे और अगर उसके बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं होती है। तो वो कोर्ट का सहारा लेंगे। इतना ही नहीं पीड़ित पर स्थानीय विधायक से लेकर भाजपा के बड़े नेता भी इस मामले में कोई कानूनी कार्रवाई न कर राजीनामा करने का दवा बन रहे हैं। लेकिन पीड़ित ने मामले में राजीनामा करने से साफ इनकार कर दिया है।