जीते तो EVM ठीक, हारे तो खराब, लोगों को गुमराह करना बंद करे विपक्ष, बोले- एकनाथ शिंदे
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी को करारी शिकस्त मिली है. जिसके बाद से एक बार फिर से विपक्ष इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर सवाल उठा रहा है. विपक्ष ने ईवीएम में गड़बड़ी होने का आरोप लगाया है. इस बीच सूबे के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने विपक्ष पर निशाना साधा है. उन्होंने विपक्ष पर ईवीएम के बारे में लोगों को गुमराह करने और जनादेश को स्वीकार न करने का आरोप लगाया है.
रविवार 8 दिसंबर को मीडिया से बात करते हुए शिंदे ने कहा कि सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन ने विधानसभा चुनाव में अपने काम की वजह से जीत हासिल की है. ऐसे में विपक्षी महाविकास आघाडी(एमवीए) को जनादेश को स्वीकार करना चाहिए और विकास कार्यों में सरकार का समर्थन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि ये महाराष्ट्र की जनता का फैसला है जिसे विपक्ष को मानना चाहिए.
‘जब विपक्ष जीतता है तब EVM खराब नहीं होती’
शिवसेना प्रमुख ने कहा कि जब विपक्ष जीतता है तो ईवीएम में कोई गड़बड़ी की बात नहीं की जाती लेकिन जब हारता है तो मशीन पर सवाल उठाए जाते हैं, तब मशीन खराब हो जाती है. उन्होंने कहा कि ये तरीका सही नहीं है. विपक्ष को जनादेश को स्वीकार करना चाहिए कि उन्हें निर्णायक रूप से चुनाव में हार मिली है. शिंदे ने कहा कि जनता ने विपक्ष को उसकी जगह दिखाकर साबित कर दिया है कि वो घर बैठने वालों को वोट नहीं देते हैं.
‘जनता ने हमें हमारे काम के लिए जनादेश दिया’
शिंदे ने आगे कहा कि लोकसभा चुनाव में महायुति को 2.48 करोड़ मत मिले, जो 43.55 प्रतिशत है. एमवीए को 2.5 करोड़ मत मिले, जो 43.71 प्रतिशत है. फिर भी विपक्ष को 31 सीट पर जीत हासिल हुई और महायुति को 17 सीट मिलीं. उन्होंने सवाल किया कि क्या हमें यह कहना चाहिए कि ईवीएम में गड़बड़ी हुई है. शिंदे ने कहा कि लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार के बारे में भ्रम पैदा करना लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है. जनता ने हमें हमारे काम के लिए जनादेश दिया है. ऐसे में विपक्ष को विलाप करना बंद करना चाहिए, उसे महायुति द्वारा किए गए विकास कार्यों को स्वीकार करना चाहिए.
महायुति ने 230 सीटों पर दर्ज की जीत
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की बात करें तो सूबे की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए 20 नवंबर को मतदान हुआ था और 23 नवंबर को नतीजे जारी किए गए थे. जिसमें बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के महायुति गठबंधन ने 230 सीटों पर प्रचंड जीत हासिल की थी, वहीं कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना(यूबीटी) और शरद पवार की एनसीपी (एसपी) के विपक्षी गठबंधन को महज 46 सीट मिली थीं. चुनाव में मिली हार के बाद विपक्षी दलों ने हार के लिए ईवीएम में अनियमितता का आरोप लगाया साथ ही बैलेट पेपर के इस्तेमाल की मांग की.