धर्म/अध्यात्म

जल्दी अमीर बनना चाहते हैं? हर एकादशी पर करें ये खास उपाय

हिंदू धर्म शास्त्रों में एकादशी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है. यह तिथि जगत के पालहार भगवान विष्णु को समर्पित होती है. इस दिन विष्णु जी के साथ माता लक्ष्मी की भी उपासना की जाती है. कहते हैं कि अगर एकादशी पर भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना कर व्रत किया जाए, तो घर में खुशहाली का आगमन होता है. ज्योतिष शास्त्र में एक ऐसे विशेष स्तोत्र के बारे में बताया गया है, जिसका पाठ हर एकादशी पर करना बेहद ही शुभ होता है और इससे आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है. आइए जानें कि वह स्तोत्र कौन सा है.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आपको हर एकादशी पर श्री सूक्तम का पाठ जरूर करना चाहिए. यह स्तोत्र देवी लक्ष्मी को समर्पित है, जो धन, समृद्धि और ऐश्वर्य के लिए किया जाता है. एकादशी तिथि और शुक्रवार को इसका पाठ करने से बहुत से चमत्कारिक लाभ देखने को मिलते हैं और व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

श्री सूक्त पाठ

ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं, सुवर्णरजतस्त्रजाम् ।

चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो म आ वह ।।

तां म आ वह जातवेदो, लक्ष्मीमनपगामिनीम् ।

यस्यां हिरण्यं विन्देयं, गामश्वं पुरूषानहम् ।

अश्वपूर्वां रथमध्यां, हस्तिनादप्रमोदिनीम् ।

श्रियं देवीमुप ह्वये, श्रीर्मा देवी जुषताम् ।।

कां सोस्मितां हिरण्यप्राकारामार्द्रां ज्वलन्तीं तृप्तां तर्पयन्तीम् ।

पद्मेस्थितां पद्मवर्णां तामिहोप ह्वये श्रियम् ।।

चन्द्रां प्रभासां यशसा ज्वलन्तीं श्रियं लोके देवजुष्टामुदाराम् ।

तां पद्मिनीमीं शरणं प्र पद्ये अलक्ष्मीर्मे नश्यतां त्वां वृणे ।।

आदित्यवर्णे तपसोऽधि जातो वनस्पतिस्तव वृक्षोऽक्ष बिल्वः ।

तस्य फलानि तपसा नुदन्तु या अन्तरा याश्च बाह्या अलक्ष्मीः ।।

उपैतु मां दैवसखः, कीर्तिश्च मणिना सह ।

प्रादुर्भूतोऽस्मि राष्ट्रेऽस्मिन्, कीर्तिमृद्धिं ददातु मे ।।

क्षुत्पिपासामलां ज्येष्ठामलक्ष्मीं नाशयाम्यहम् ।

अभूतिमसमृद्धिं च, सर्वां निर्णुद मे गृहात् ।।

गन्धद्वारां दुराधर्षां, नित्यपुष्टां करीषिणीम् ।

ईश्वरीं सर्वभूतानां, तामिहोप ह्वये श्रियम् ।।

मनसः काममाकूतिं, वाचः सत्यमशीमहि ।

पशूनां रूपमन्नस्य, मयि श्रीः श्रयतां यशः ।।

कर्दमेन प्रजा भूता मयि सम्भव कर्दम ।

श्रियं वासय मे कुले मातरं पद्ममालिनीम् ।।

आपः सृजन्तु स्निग्धानि चिक्लीत वस मे गृहे ।

नि च देवीं मातरं श्रियं वासय मे कुले ।।

आर्द्रां पुष्करिणीं पुष्टिं पिंगलां पद्ममालिनीम् ।

चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो म आ वह ।।

आर्द्रां य करिणीं यष्टिं सुवर्णां हेममालिनीम् ।

सूर्यां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आ वह ।।

तां म आ वह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम् ।

यस्यां हिरण्यं प्रभूतं गावो दास्योऽश्वान् विन्देयं पुरुषानहम् ।।

य: शुचि: प्रयतो भूत्वा जुहुयादाज्यमन्वहम् ।

सूक्तं पंचदशर्चं च श्रीकाम: सततं जपेत् ।।

।। इति समाप्ति ।।

श्री सूक्त पाठ करने के फायदे

  • धन-धान्य की प्राप्ति:- श्री सूक्तम का पाठ करने से व्यक्ति धन-धान्य और पशु धन से संपन्न होता है.
  • समृद्धि और दीर्घायु:- इसका पाठ करने वाले को श्री, तेज, आयु और आरोग्य की प्राप्ति होती है. साथ ही, दीर्घायु भी मिलती है.
  • सफलता और यश:- इससे देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे जीवन में सफलता और यश की प्राप्ति होती है.
  • आर्थिक संकट से मुक्ति:- यह स्तोत्र आर्थिक संकट और गरीबी को दूर करने में बहुत ही लाभकारी माना गया है.
  • मनोकामनाओं की पूर्ति:- कहते हैं कि एकादशी पर श्री सूक्तम के पाठ से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
  • दरिद्रता और नकारात्मकता दूर:- यह पाठ दरिद्रता, रोग और घर की नकारात्मक शक्ति के प्रभाव को दूर करता है.

श्री सूक्तम पाठ की विधि

पूजा घर में मां लक्ष्मी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें.

माता लक्ष्मी के सामने एक घी का दीपक जलाएं.

दाहिने हाथ में जल लेकर, पूजन सामग्री और खुद पर छिड़कें.

इसके बाद श्री सूक्त के मंत्रों का पाठ शुरू करें.

हर एकादशी या हर शुक्रवार को श्री सूक्तम का पाठ करें.

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