उत्तर प्रदेश

BLO आया और घर बंद मिला तो क्या कट जाएगा नाम? SIR से जुड़ी ज़रूरी बातें जानें

देश के नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया चल रही है. चुनाव आयोग की ओर से जारी अधिसूचना में SIR को लेकर कहा गया है कि SIR की कोशिश है कि “यह पक्का किया जाए कि कोई भी योग्य नागरिक छूट न जाए और कोई भी अयोग्य व्यक्ति इलेक्टोरल रोल में शामिल न हो. मतदाता सूची को पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना चुनाव आयोग का उद्देश्य है.

मतदाता सूची के शुद्धिकरण के लिए बूथ लेवल आफिसर (बीएलओ) घर-घर जा रहे हैं और वोटर्स को गणना फार्म वितरित कर रहे हैं. चुनाव आयोग की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि मतदाता के घर पर बीएलओ तीन बार जाएगा. मतदाता या उसके परिवार का कोई सदस्य नहीं मिला या गणना फार्म पर हस्ताक्षर नहीं किए तो मतदाता सूची से उसका नाम कट जाएगा.

हालांकि चुनाव आयोग ने प्रावधान किया है कि यदि आप अपने घर पर नहीं हैं तो अपने समय के अनुरूप बीएलओ का अपॉइंटमेंट ले सकते हैं और उसे अपने घर पर बुला सकते हैं. बीएलओ के नंबर चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जारी की गयी है. विधानसभा केंद्र, उसके पार्ट और मतदान केंद्र में बीएलओ की नियुक्ति की गई है. वोटर चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जाकर बीएलओ का नंबर प्राप्त कर सकते हैं.

वोटर्स को दो प्रतियों में मिलेगा गणना प्रपत्र फॉर्म

चुनाव आयोग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बीएलओ 4 दिसंबर तक मतदाताओं के घर जाएंगे. बीएलओ दो प्रतियों में वोटर को गणना प्रपत्र देगा. मतदाता को प्रपत्र भरने में बीएलओ मदद करेगा. वोटर्स के पास यदि जानकारी उपलब्ध है, वह उस फॉर्म को भर सकता है, लेकि गणना प्रपत्र पर हस्ताक्षर करना आवश्यक है. प्रायः बीएलओ एक बार जाकर वोटर को फॉर्म दे रहा है और फिर कुछ दिन के बाद वह आकर भरे हुए गणना प्रपत्र को इकट्ठा कर रहा है. बीएलओ मतदाता को पावती प्रपत्र दे रहा है.

चुनाव आयोग के अनुसार गणना प्रपत्र में नया फोटो लगाना होगा. गणना प्रपत्र के साथ कोई डोक्यूमेंट वोटर को नहीं देना पड़ेगा और यदि SIR 2002-03 में मतदाता का नाम है, तो उसे फॉर्म की बाईं ओर भरना होगा और यदि उसमें नाम नहीं है, तो फॉर्म के दायें ओर भरना होगा. फॉर्म में अपने पिता, माता को वोटर आईडी के नंबर और अपना आधार कार्ड नंबर भी भरना होगा.

फॉर्म नहीं भरने वाले मतदाताओं को चिह्नित करेगा चुनाव आयोग

यदि इन सभी के बावजूद बीएलओ मतदाता को फॉर्म नहीं दे पाता है, तो ऐसे वोटर्स को जिला चुनाव कार्यालय चिह्नित करेगा और उनकी एक विलोपन सूची जारी की जाएगी. एसआईआर के बाद 9 दिसंबर को ड्राफ्ट मतदाता सूची प्रकाशित होगी. उस सूची में उक्त मतदाता का नाम नहीं रहेगा.

हालांकि यदि किसी मतदाता का नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में नहीं है तो इस पर 8 जनवरी तक आपत्ति एवं दावा के लिए जाएंगे. मतदाता को नोटिस जारी की जाएगी और उसकी दस्तावेजी गवाही ली जाएगी. गवाही और दस्तावेजों की जांच के बाद फिर मतदाता सूची में उसका नाम शामिल किया जाएगा और यदि उसने आपत्ति या दावा नहीं किया तो उसका मतदाता सूची से नाम ट जाएगा.

चुनाव आयोग का कहना है कि ऐसे वोटर्स को 9 दिसंबर से 31 दिसंबर के बीच नोटिस भेजे जाएंगे. उसके बाद उनकी सुनवाई और समीक्षा होगी. दावा और आपत्तियों का निस्तारण होगा. गणना प्रपत्रों पर चुनाव रजिस्ट्रीकरण अधिकारी निर्णय लेंगे. एसआईआर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सात फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होगी और इस सूची के आधार पर अगले विधानसभा चुनाव आयोजित किए जाएंगे.

BLO की क्या हैं जम्मेदारियां

  1. हर वोटर/इलेक्टर को यूनिक एन्यूमरेशन फॉर्म (EF) बांटना.
  2. इलेक्टर को उनके नाम या उनके रिश्तेदार के नाम से पिछले बदलाव में मैच/लिंक करने में मदद करना.
  3. नाम, जन्म की तारीख और जगह, पता, पिता/गार्जियन का नाम वगैरह जैसी सभी डिटेल्स वेरिफाई करना.
  4. नए इलेक्टर्स को शामिल करने के लिए फॉर्म 6 और डिक्लेरेशन फॉर्म इकट्ठा करना, और मैच/लिंक करने में मदद करना.
  5. इलेक्टर को EF भरने में मदद करना, उसे इकट्ठा करना और ERO को जमा करना.
  6. हर इलेक्टर के घर कम से कम 3 बार जाना.
  7. मर चुके या परमानेंटली शिफ्ट हुए वोटर्स और एक से ज्यादा जगहों पर रजिस्टर्ड वोटर्स की पहचान करना.
  8. मान्यता प्राप्त पॉलिटिकल पार्टियों द्वारा नियुक्त बूथ लेवल एजेंट्स (BLA) के साथ मिलकर काम करना.

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