हुर्रियत नेता अब्दुल गनी भट का निधन, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने जताया शोक, कहा- विचार अलग थे लेकिन…

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल गनी भट का बुधवार शाम सोपोर स्थित उनके घर में निधन हो गया. पिछले कुछ सालों से खराब स्वास्थ्य की वजह से उन्होंने 90 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली. परिवारिक सूत्रों के मुताबिक भट को उनके पैतृक कब्रिस्तान में दफनाया जाएगा. भट के निधन पर सीएम उमर अब्दुल्ला, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती समेत कई नेताओं ने दुख व्यक्त किया.
हुर्रियत अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने बताया कि भट पिछले कुछ सालों से बीमार चल रहे थे, जिस वजह से उनका निधन हो गया. मीरवाइज ने कहा कि मुझे अभी-अभी भट साहब के बेटे का फोन आया है, जिसमें उन्होंने वरिष्ठ नेता के निधन की सूचना दी.
मीरवाइज ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए कहा कि अब्दुल भट का निधन उनके लिए एक बहुत बड़ी व्यक्तिगत क्षति है. उन्होंने लिखा कि अभी-अभी यह दुखद समाचार मिला कि मैंने अपने सबसे प्रिय मित्र और सहयोगी प्रोफेसर अब्दुल गनी भट को खो दिया है. उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए बहुत बड़ी क्षति है. इसके आगे मीरवाइज ने लिखा कि अल्लाह उन्हें जन्नत में जगह प्रदान करें. कश्मीर ने अपने एक ईमानदार और दूरदर्शी नेता को खो दिया.
एक अच्छे व्यक्ति के रूप में रखूंगा याद: सीएम उमर अब्दुल्ला
राज्य के सीएम उमर अब्दुल्ला ने अब्दुल भट के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि माना हमारी राजनीतिक विचारधाराएं अलग थीं, लेकिन मैं हमेशा उन्हें एक बहुत ही सभ्य और अच्छे व्यक्ति के रूप में याद रखूंगा. सीएम ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि मैं वरिष्ठ राजनीतिक नेता और प्रोफेसर अब्दुल गनी भट के निधन के बारे में सुनकर दुखी हूं.
सीएम ने आगे कहा कि जब कई लोग मानते थे कि हिंसा ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है, तब उन्होंने बातचीत का रास्ता अपनाकर साहस दिखाया. इसको लेकर भट ने तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेयी और उप प्रधानमंत्री आडवाणी जी से मुलाकात की थी.
कठिन समय में दिया साथ: महबूबा मुफ्ती
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हम लोगों के अलग-अलग राजनीतिक विचार होने के बावजूद, उन्होंने हमेशा मुझे कठिन समय में सांत्वना दी. उन्होंने कहा कि कश्मीर के उथल-पुथल इतिहास में वे संयम की आवाज थे. भट एक सम्मानित विद्वान, शिक्षक और बुद्धजीवी थे, जिनका राजनीति के प्रति व्यावहारिक नजरिया था. इसके आगे मुफ्ती ने कहा कि वे कश्मीर मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के प्रबल समर्थक थे.
कौन थे अब्दुल गनी भट?
जब कश्मीर में आतंकवाद अपनी चरम सीमा पर था, तो उस समय सैयद अली शाह गिलानी और मसर्रत आलम जैसे अलगाववादी नेताओं के बीच भट ऐसे नेता थे, जिन्हें शांतिप्रिय व्यक्ति के रूप में देखा जाता था. वह कश्मीर के मुद्दे को हिंसा से नहीं बल्कि शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाना चाहते थे. भट ने अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार और बाद में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौरान हुर्रियत कॉन्फ्रेंस को केंद्र के साथ बातचीत में कराने में अहम भूमिका निभाई थी.




