प्रौद्योगिकी संस्थान वस्त्र एवं विज्ञान, भिवानी और जापान के आयन
टेक्नोलॉजी सेंटर के बीच एमओयू — इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग छात्रों के लिए वैश्विक करियर के नए द्वार खुले
भिवानी,(ब्यूरो): प्रौद्योगिकी संस्थान वस्त्र एवं विज्ञान भिवानी ने जापान के प्रतिष्ठित आईओएन टेक्नॉलोजी सेंटर के साथ एक ऐतिहासिक समझौता (एमओ) किया है, जो उत्तर भारत में किसी भी संस्थान के साथ कंपनी का पहला समझौता है। यह साझेदारी विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों के लिए एक सुनहरा अवसर लेकर आई है, जिससे उन्हें विश्वस्तरीय तकनीकी प्रशिक्षण और अंतरराष्ट्रीय रोजगार के मार्ग मिलेंगे।
इस समझौते के अंतर्गत, विद्यार्थियों को जापान में 3 से 6 महीने की औद्योगिक ट्रेनिंग दी जाएगी। इस ट्रेनिंग के दौरान छात्र सेमीकंडक्टर, वीएलएसआई (वेरी लार्ज सकेल इंटीग्रेशन), चिप डिज़ाइनिंग और एम्बेडेड सिस्टम्स जैसी अत्याधुनिक तकनीकों में व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करेंगे। प्रशिक्षण के उपरांत छात्रों को जापान और भारत—दोनों देशों में रोजगार प्राप्त करने में सहायता भी प्रदान की जाएगी। संस्थान के निदेशक डॉ. बी.के. बेहरा ने कहा सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री तेजी से विकसित हो रही है और हर वर्ष लगभग 2 लाख नई नौकरियाँ उत्पन्न होंगी। भारत सरकार भी सेमीकंडक्टर मिशन के अंतर्गत इस क्षेत्र में भारी निवेश कर रही है। ऐसे में इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए यह एक ऐतिहासिक अवसर है। उन्होंने कहा कि जहाँ भी सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री का विस्तार हो रहा है, वहाँ इलेक्ट्रॉनिक्स के विद्यार्थियों की सबसे अधिक मांग है। आने वाले वर्षों में चिप डिज़ाइनिंग का क्षेत्र अत्यंत महत्वपूर्ण होगा और इस समझौते से हमारे छात्रों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाया जा सकेगा।
उत्तर भारत में पहला और विशिष्ट चयन
यह अत्यंत गर्व की बात है कि आयन टेक्नोलॉजी सेंटर ने उत्तर भारत के कई प्रमुख तकनीकी संस्थानों का दौरा करने के बाद केवल प्रौद्योगिकी संस्थान वस्त्र एवं विज्ञान, भिवानी के साथ ही यह समझौता किया। यह इस बात का प्रमाण है कि संस्थान न केवल तकनीकी शिक्षा में अग्रणी है, बल्कि उद्योग की आवश्यकता के अनुसार छात्रों को प्रशिक्षित करने में पूरी तरह सक्षम है। इस अवसर पर डॉ. मुकेश, डॉ. सतीश, कमल, डॉ. ऋतु, डॉ. राजीव, डॉ. रोहित गोयल, संजीव झा एवं सुनील उपस्थित रहे। सभी अतिथियों ने इस सहयोग की सराहना की और इसे छात्रों के भविष्य के लिए एक परिवर्तनकारी कदम बताया।
वैश्विक एक्सपोजर और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम छात्रों को केवल तकनीकी ज्ञान ही नहीं, बल्कि जापान की कार्य संस्कृति, अनुसंधान प्रक्रिया, अनुशासन और व्यावसायिक दृष्टिकोण को भी समझने का अवसर प्रदान करेगा। इससे छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ेगा, सोच में वैश्विक दृष्टिकोण आएगा और वे अंतरराष्ट्रीय औद्योगिक वातावरण में सहजता से कार्य कर सकेंगे।
निष्कर्ष
प्रौद्योगिकी संस्थान वस्त्र एवं विज्ञान, भिवानी द्वारा किया गया यह समझौता केवल एक एमओयू नहीं, बल्कि उत्तर भारत में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर है। यह इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए वैश्विक स्तर पर पहचान, उत्कृष्टता और अवसरों की दिशा में एक दूरदर्शी और क्रांतिकारी पहल है। यह सहयोग निश्चित रूप से छात्रों को वैश्विक तकनीकी मंच पर स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगा।




