उत्तर प्रदेश

‘150 मर्दों से मेरे संबंध, कैसे पाऊं छुटकारा…’, प्रेमानंद महाराज ने बताया ये समाधान

मथुरा-वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. उनके दर्शन करने के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं. देश की आम जनता से लेकर बड़ी-बड़ी हस्तियां भी महाराज के प्रवचन सुनने के लिए पहुंचती हैं. यहां वो प्रेमानंद महाराज से अपनी समस्याओं का निवारण पाते हैं. ऐसा ही एक भक्त महाराज के पास अपना दुख लेकर पहुंचा. उसकी परेशानी जानकर वहां मौजूद हर शख्स हैरान रह गया. लेकिन जब प्रेमानंद महाराज ने बड़े ही सरल और सहज तरीके से उसकी समस्या का निवारण किया.

इस शख्स ने प्रेमानंद महाराज से कहा- महाराज मैं समलैंगिक हूं. अब तक 150 से ज्यादा मर्दों के साथ मैंने संबंध बनाए हैं. लेकिन मैं यह सब करके खुश नहीं हूं. मैं इन चीजों से बाहर निकलना चाहता हूं. आप ही मुझे रास्ता दिखा सकते हैं कि मैं कैसे इन सब से बाहर निकलूं.

इस पर प्रेमानंद महाराज ने मुसकुराते हुए कहा- ये आपकी उपज नहीं है. आपको ये चीज पसंद नहीं है. ये बस आपके दिमाग में जमा बैठा है. अगर आप इससे लड़कर नहीं जीतते हैं तो ये आपकी छवि को भी खराब कर सकता है. इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि आपको आत्मविश्वास बरकार रखना होगा. हमें ये शरीर संसार से जीतने के लिए मिला है न कि संसार से मिट जाने के लिए. महाराज का जवाब सुनकर भक्त काफी खुश हुआ. उसने कहा- महाराज में इस बात का हमेशा ध्यान रखूंगा.

ये दिए जीवन के पांच मंत्र

 

एक अन्य भक्त को प्रेमानंद महाराज ने बताया कि जीवन में कैसे बदलाव आ सकता है. कैसे सिर्फ 5 मंत्र से जीवन में चमत्कार आ जाएगा. कभी भी अमंगल नहीं होगा. प्रेमानंद महाराज ने कहा कि हमारी पांच बातें हमेशा के लिए याद कर लो. इससे आप सदैव सुखी रहोगे. सबसे पहले सुबह ठाकुर जी के चरण छुओ. उनके पैर का जल पिओ. कभी अकाल मृत्यु नहीं होगी. समस्त रोगों को नष्ट करने का चरणामृत में सामर्थ है. दूसरा नियम जब भी घर से निकलो कम से कम 11 बार कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने का मंत्र जाप करो. अंगुली पर गिनो कि 11 बार किया या नहीं. कभी आपके साथ बुरा नहीं होगा. कभी आपके साथ दुर्घटना नहीं होगी. आप अगर दुर्घटना में फंस भी जाएंगे तो आप सुरक्षित बाहर निकल आएंगे.

20-30 मिनट संकीर्तन करो

उन्होंने आगे कहा कि तीसरी बात पूरे दिन में कभी भी 20-30 मिनट अपने घर में संकीर्तन करो. जितना आनंद में डूबकर आप भजन कीर्तन करेंगे. उतना ही आपको अच्छा महसूस होगा. वहीं चौथी बात 11 दंडवत रोज नियम ले लो. उन्होंने कहा कि जिसके घर पर ठाकुर जी विराजमान हैं, जो शख्स कृष्ण को प्रणाम करता है. उसका पुनर्जन्म नहीं होता है. ये हमारी बातें हमेशा के लिए याद कर लो.

माथे पर लगाओ वृंदावन की रज

पांचवीं बात वृंदावन की रज ले जाओ अपने साथ. रोजाना जरा सी रज माथे पर और अपने बालों के बीच में लगा देना. फिर आप अपने जीवन को देख लेना कितना मंगल में होता है. कितने ही आपको पॉजिटिव विचार आते हैं. कितना आप दुख-संकट से निवृत्त हो जाओगे.

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