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लैंडस्लाइड के बाद कटरा का कैसा है मौसम? 4 दिन तक अलर्ट; ये 5 नदियां खतरे के निशान के ऊपर

जम्मू-कश्मीर में पिछले 24 घंटों से जारी भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. नदियों और झरनों के उफान पर आने से हालात बेहद भयावह हो गए हैं. मंगलवार को रियासी जिले के कटरा में पानी के तेज़ बहाव ने रास्ते में आने वाली हर चीज़ को बहा दिया. ढलानों से चट्टानें, पेड़ और बड़े पत्थर गिरने लगे, जिससे कई जगहों पर तबाही का मंजर देखने को मिला. कटरा स्थित माता वैष्णो देवी तीर्थस्थल की ओर जाने वाले मार्ग पर बड़ा हादसा हो गया. अर्धकुंवारी के पास अचानक भूस्खलन हुआ, जिसकी चपेट में आने से 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई. मौसम विभाग ने कटरा और आसपास के क्षेत्रों में अगले चार दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है.

मौसम विभाग के मुताबिक, कटरा में 27 अगस्त को न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 26 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है. स्थानीय प्रशासन ने श्रद्धालुओं और आम नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है. वहीं, 28 अगस्त को अधिकतम तापमान में दो डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी की संभावना है. मौसम विभाग के मुताबिक, 31 अगस्त तक कटरा का मौसम बारिश जैसा रहेगा. आसमान में बादल छाए रहेंगे. मौसम विभाग ने कटरा में अगले 4 दिनों तक बारिश का येलो अलर्ट जारी कर दिया है.

इन जिलों में बारिश का अलर्ट

वहीं, जम्मू संभाग के जिलों—जम्मू, सांबा, कठुआ, उधमपुर, किश्तवाड़, डोडा, रामबन, राजौरी और पुंछ में अगले दो दिनों तक बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है. पिछले 24 घंटों में इन जिलों में लगातार बारिश ने तवी, चिनाब, उझ, रावी और बसंतर जैसी नदियों को खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा दिया है. पानी के तेज बहाव ने पुलों और सड़कों को नुकसान पहुंचाया है, जिससे यातायात व्यवस्था भी प्रभावित हुई है.

कश्मीर घाटी भी भारी बारिश से अछूती नहीं रही. मंगलवार रातभर मूसलाधार बारिश के बाद झेलम नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया. अनंतनाग जिले के संगम में नदी ने 21 फुट के बाढ़ चेतावनी निशान को पार कर लिया. श्रीनगर के राम मुंशी बाग क्षेत्र में भी झेलम का स्तर 18 फुट के निशान से मात्र दो फुट नीचे दर्ज किया गया. यह स्थिति प्रशासन के लिए गंभीर चिंता का विषय है.

जम्मू के अलग-अलग जिलों के निचले इलाकों और नदी किनारे बसे गांवों में बाढ़ का पानी भर जाने से हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं. प्रशासन ने विशेष टीमें तैनात की हैं जो प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों को निकालने और उन्हें अस्थायी शिविरों में पहुंचाने का कार्य कर रही हैं. अधिकारियों का कहना है कि अचानक आई बाढ़ से बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. कई पुल ढह गए हैं, जबकि दर्जनों घर और व्यावसायिक प्रतिष्ठान मलबे में दब गए. सार्वजनिक ढांचे को भी भारी क्षति पहुंची है. फिलहाल प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की गई है. यह आपदा न केवल श्रद्धालुओं, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है.

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