एक्सक्लूसिव खबरेंधर्म/अध्यात्म

कैसे प्रकट हुआ पहला शिवलिंग? सबसे पहले किसने की थी पूजा

हिंदू धर्म में बहुत से देवी देवता हैं लेकिन इन सब में सिर्फ भगवान शिव ही एक मात्र ऐसे देवता हैं जिनको साकार रूप के साथ साथ, शिवलिंग के रूप में निराकार रूप में भी पूजा जाता है. भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए उनके निराकार स्वरूप शिवलिंग का जलाभिषेक किया जाता है और पूजा अर्चना की जाती है. शिवलिंग की उत्पत्ति कैसे हुई और पहली बार किसने शिवलिंग की पूजा अर्चना की थी, इसके बारे में शिव पुराण में बताया गया है.

शिवलिंग के उत्पत्ति की पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार ब्रह्मा जी और भगवान विष्णु में सृष्टि के सर्वश्रेष्ठ देवता होने का विवाद छिड़ गया. इस विवाद को खत्म करने के लिए भोलेनाथ ने ब्रह्मा जी और भगवान विष्णु की परीक्षा लेने का निर्णय किया. परीक्षा के लिए भगवान शिव ने लीला रची और उसी समय आसमान में एक विशाल और चमकीला पत्थर प्रकट हुआ और आकाशवाणी हुई कि दोनों देवों में से जो भी इसके अंतिम छोर को खोज लेगा वही सबसे अधिक शक्तिशाली और सर्वश्रेष्ठ देवता होगा.

बहुत समय तक खोज करने के बाद भी दोनों देवता इस दिव्य पत्थर का छोर खोजने में नाकाम रहे. तब भगवान विष्णु ने अपनी हार मानी और स्वीकार किया कि ये पत्थर अनंत है. लेकिन ब्रह्मा जी ने अपनी हार नहीं मानी और बोला कि उन्होंने इसके छोर को खोज लिया है. ब्रह्मा जी के झूठ बोलने से भगवान शिव अत्यंत क्रोधित हो गए और उसी समय आकाशवाणी हुई कि मैं शिवलिंग हूं.

मेरा न तो अंत है और न ही आरम्भ. तब ब्रह्मा जी और विष्णु जी ने भगवान शिव से पूजा योग्य लिंग रूप में प्रकट होने का आग्रह किया, जिसे भगवान शिव ने स्वीकार कर किया. इसके बाद ब्रह्मा जी और विष्णु जी ने सबसे पहले शिवलिंग की पूजा की. फिर इसके बाद अन्य देवी देवताओं ने शिवजी के निराकार रूप यानी शिवलिंग की पूजा की. माना जाता है कि यही शिवलिंग दुनिया का पहला शिवलिंग है.

Related Articles

Back to top button