झारखंड में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को दिया HIV संक्रमित ब्लड, 5 बच्चों की रिपोर्ट पॉजिटिव; स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप

झारखंड में पश्चिमी सिंहभूम जिला के चाईबासा से हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है. यहां सदर अस्पताल में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआईवी पॉजिटिव ब्लड चढ़ा दिया गया. इससे पांच बच्चों की रिपोर्ट एचआईवी पॉजिटिव आई है. पूरे प्रकरण को लेकर झारखंड हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है. अब रांची से स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच के लिए चाईबासा पहुंची है.
रांची से पहुंची चिकित्सकों की टीम ने पहले सदर अस्पताल चाईबासा के ब्लड बैंक और पीडियाट्रिक इंसेंटिव केयर यूनिट (पीआईसीयूका निरीक्षण किया. झारखंड स्वास्थ्य सेवा के निदेशक डॉ. दिनेश कुमार के नेतृत्व में पांच सदस्यीय जांच समिति मामले की जांच कर रही है. सभी पीड़ित बच्चों की उम्र 15 वर्ष से कम बताई जा रही है. पिछले एक सप्ताह के अंदर 56 थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों की जांच की गई थी, जिसमें से पांच बच्चे एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं.
प्रारंभिक स्तर पर जांच के क्रम में कई गंभीर लापरवाहियां सामने आई हैं. ब्लड बैंक में भी अनियमितता पाई गई है. पूरी जांच के बाद विस्तृत रिपोर्ट, जाच टीम राज्य स्वास्थ्य विभाग को सौंपेगी. यह मामला तब प्रकाश माया जब शुक्रवार को चाईबासा के रहने वाले एक 7 वर्षीय थैलेसीमिया से ग्रसित बच्चों के पिता ने पश्चिमी सिंहभूम जिला के उपायुक्त से शिकायत की थी कि उनके बच्चे को सदर अस्पताल में एचआईवी पॉजिटिव ब्लड चढ़ाया गया है. दोनों पति-पत्नी ने भी अपनी जांच करवाई और जांच में माता-पिता नेगेटिव पाए गए जबकि थैलेसीमिया पीड़ित बच्चा पॉजिटिव पाया गया.
दो ही कारण हो सकते हैं
इस मामले में हाईकोर्ट ने भी संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए. इसके बाद शनिवार को स्वास्थ्य निदेशक डॉक्टर दिनेश कुमार के नेतृत्व में पांच सदस्य जांच टीम चाईबासा सदर अस्पताल य पहुंचकर पूरे मामले की जांच में जुट गई. जांच टीम के मुताबिक, थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों के एचआईवी पॉजीटिव पाए जाने के दो ही कारण हो सकते हैं या तो संक्रमित खून चढ़ाया गया या फिर किसी अन्य कारणों से उनके शरीर में संक्रमण आया हो.
हालांकि जांच के क्रम में सदर अस्पताल के ब्लड बैंक और लैब में कई खामियां और अनियमितता पाई गई है. जांच समाप्त होने के उपरांत ही स्पष्ट हो पाएगा कि बच्चों के साथ ऐसा करने वाला कौन है?
बीजेपी ने साधा निशाना
उधर, अब इस पूरे मामले पर सियासत भी शुरू हो गई है. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अजय शाह ने सोशल मीडिया के माध्यम से पोस्ट किया- अब झारखंड के सरकारी अस्पताल जिंदगी नहीं बल्कि मौत बांटने लगी है. इस घटना से झारखंड के सरकारी अस्पतालों की दुर्दशा और स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर फिर एक बार गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं.




