हिमाचल कोहरे की चपेट में, तमिलनाडु-आंध्र में बारिश की संभावना; जानें दिसंबर की शुरुआती मौसम रिपोर्ट

दिसंबर की शुरुआत हो गई है. ये महीना देशभर के लिए ज्यादा ठंड लेकर आया है. दिल्ली में भी सर्दी में इजाफा हो सकता है, जहां लगातार तापमान में उतार-चढ़ाव हो रहा है. दिसंबर के पहले दिन दिल्ली में न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है. अगले दो दिन दिल्ली के तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन 4 दिसंबर से फिर से तापमान 8 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच सकता है.
इसके अलावा कई राज्यों में तापमान सामान्य से 1.6 डिग्री सेल्सियस से 3 डिग्री सेल्सियस तक नीचे दर्ज किया गया, जिनमें कर्नाटक, तेलंगाना, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के कुछ क्षेत्र शामिल हैं. अगले तीन दिनों में उत्तर-पश्चिम भारत के तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होने की संभावना है, जिसके बाद कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा. उत्तर-पूर्व भारत में भी अगले तीन दिनों तक तापमान में कोई बदलाव नहीं होगा.
हिमाचल प्रदेश में घने कोहरे का अलर्ट
महाराष्ट्र और गुजरात में अगले 24 घंटों तक तापमान सामान्य रहेगा, लेकिन उसके बाद 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी या गिरावट दर्ज हो सकती है. हिमाचल प्रदेश में 1 से 2 दिसंबर को घने कोहरे की चेतावनी जारी की गई है. पंजाब और ओडिशा के कुछ इलाकों में शीतलहर चलने की संभावना है. इसके अलावा तमिलनाडु, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल और सिक्किम के कुछ स्थानों पर कोहरा छाए रहने का भी अनुमान है.
इन राज्यों में बारिश के आसार
वहीं चक्रवाती तूफान दितवाह इस समय श्रीलंका तट और दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के पास स्थित है, जिसके प्रभाव से उत्तर तमिलनाडु में 1 दिसंबर को भारी बारिश होने की संभावना है. वहीं आंध्र प्रदेश, यनम, तेलंगाना और रायलसीमा में 1 और 2 दिसंबर को भारी बारिश होने के आसार हैं. तमिलनाडु में 30 नवंबर को कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश भी हो सकती है.
पिछले 24 घंटों में न्यूनतम तापमान जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगिट-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद और हिमाचल प्रदेश के कई स्थानों पर 6 डिग्री सेल्सियस से कम दर्ज किया गया. उत्तराखंड और पंजाब के कुछ क्षेत्रों में भी तापमान इसी तरह का रहा. पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश में 6 से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान दर्ज हुआ. पंजाब के अमृतसर में 6.4 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया, जो मैदानी इलाकों में सबसे कम रहा.




