3 लाख रुपये का जुर्माना, हाईकोर्ट ने HSVP पर लगाई सजा

चंडीगढ़: हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) की कड़ी आलोचना करते हुए पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा है कि कोई भी सार्वजनिक प्राधिकरण अपनी ही लापरवाही और निष्क्रियता से लाभ नहीं कमा सकता। हाईकोर्ट ने भूमि अधिग्रहण से प्रभावित लोगों से वर्षों की देरी के बाद बढ़ी हुई वर्तमान रिजर्व कीमत वसूलने की एचएसवीपी की कार्रवाई को मनमाना, अन्यायपूर्ण और स्थापित कानून का खुला उल्लंघन करार देते हुए एचएसवीपी पर तीन लाख का जुर्माना लगाया है।
जस्टिस अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल व जस्टिस दीपक मनचंदा की खंडपीठ ने 58 याचिकाओं के समूह को स्वीकार करते हुए कहा कि यदि प्लाट के आवंटन में हुई देरी पूरी तरह विकास प्राधिकरण की वजह से है तो ऐसे में आवेदन या विज्ञापन की तिथि पर लागू दर से ही प्लाट दिया जाना चाहिए न कि कई साल बाद की बढ़ी हुई कीमत पर। अदालत ने कहा कि प्रशासनिक देरी को पैसे में नहीं तौला जा सकता और नागरिकों को प्राधिकरण की विफलताओं की सजा नहीं दी जा सकती।




