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हरियाणा प्रदेश केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित 21 प्रकार के वंचित लाखों दिव्यांगों को दे मासिक पेंशन: विजय बंसल

चंडीगढ़: हरियाणा राज्य की सरकार पिछले 8 वर्षों से उन लाखों दिव्यांगों को मासिक पेंशन से वंचित रखे हुए हैं जिन्हें केंद्र सरकार ने वर्ष 2016 में अधिसूचना जारी कर दिव्यांग की सूची में शामिल किया था। शिवालिक विकास मंच प्रदेश अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी पूर्व सचिव विजय बंसल एडवोकेट ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को ज्ञापन भेज कर हरियाणा प्रदेश के वंचित लाखों दिव्यांगों को पेंशन देने की मांग की है।

विजय बंसल एडवोकेट ने बताया कि वर्ष 1995 में केंद्र सरकार द्वारा अंधापन, कम दृष्टि, कुष्ठ रोगी, श्रवण दोष, चलने फिरने में अक्षम वाली विकलांगता, मानसिक मंदता, मानसिक बीमारी से ग्रसित लोगों को दिव्यांग की सूची में शामिल कर इन्हें मासिक पेंशन का अधिकार दिया था।

उन्होंने बताया केंद्र सरकार ने वर्ष 2016 में नई अधिसूचना जारी कर इसमें 14 प्रकार के और दिव्यांगों की पहचान कर उन्हें सूची में शामिल किया था जिनमें बौनापन, ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार, सेरेब्रल पॉलिसी, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, क्रॉनिक न्यूरोलॉजिकल स्थितियां, सीखने की अक्षमता, मल्टीपल सिक्लिरोसिस, बोलने और भाषा संबंधी अक्षमता, थैलेसीमिया, हीमोफीलिया, स्किल सेल रोग, बहरापन-अंधापन, एसिड अटैक पीड़ित, पार्किंसनस रोगियो को विकलांगता की सूची में शामिल किया था। जिन्हें सम्मान भत्ता की मासिक पेंशन का हकदार बताया गया था।

विजय बंसल एडवोकेट ने बताया कि हरियाणा प्रदेश की बीजेपी सरकार के लिए बड़े शर्म की और बड़ी असंवेदनशीलता की बात है कि उन्होंने 8 वर्ष बाद भी केंद्र सरकार की अधिसूचना पर कार्यवाही न करते हुए नई सूची अनुसार नए दिव्यांगों को उसमे शामिल नहीं किया गया। जिससे अभी तक हरियाणा प्रदेश के लाखों दिव्यांग पेंशन से वंचित है।

विजय बंसल एडवोकेट ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा सभी दिव्यांगों के लिए शिक्षा आदि अन्य निशुल्क सुविधाए देने का प्रावधान किया गया था। हरियाणा सरकार द्वारा उपरोक्त सभी दिव्यांगों को शिक्षा तो निशुल्क दे रही है लेकिन उन्हें पेंशन से वंचित रखा जा रहा है जो हरियाणा सरकार की विकलांगों के प्रति असंवेदनशीलता को प्रकट करती है यह चिंता का विषय है। विजय बंसल एडवोकेट ने मुख्यमंत्री से वर्ष 2016 की नई अधिसूचना अनुसार 14 प्रकार के नए दिव्यांगों को भी पेंशन की सूची में शामिल करने की मांग की है।

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