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हरियाणा: राइस मिलर्स को विशेष काम करना होगा, नहीं तो रद्द होगा धान आवंटन

प्रदेश सरकार और राइस मिलर्स के बीच बैंक गारंटी को लेकर लंबित विवाद का समाधान हो गया है। खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राजेश नागर और मिलर्स एसोसिएशन के बीच चंडीगढ़ में हुई बैठक में इस मुद्दे पर सहमति बनी है। बैठक में तय किया गया कि सभी राइस मिलर्स को 15 नवंबर तक बैंक गारंटी जमा करवानी होगी।

बैंक गारंटी की शर्तें स्पष्ट की गईं

जिन राइस मिलर्स ने 15 मार्च 2025 तक चावल की गाड़ियां लगा दी हैं, उन्हें डेढ़ प्रतिशत (1.5%) बैंक गारंटी जमा करनी होगी। जिन राइस मिलर्स ने मार्च 2025 के बाद चावल की गाड़ियां लगाई हैं, उन्हें तीन प्रतिशत (3%) बैंक गारंटी जमा करनी होगी। अगर कोई राइस मिलर तय समय पर बैंक गारंटी जमा नहीं कराता है, तो उसके आवंटित धान को कस्टम मिलिंग के लिए अन्य मिलर्स को अलॉट कर दिया जाएगा।

खरीद एजेंसियों ने लगाई सख्त शर्तें

खरीद एजेंसी हैफेड, वेयरहाउस, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग समेत सभी संबंधित एजेंसियों ने इस शर्त को लागू किया है। साथ ही, जो राइस मिलर्स ई-खरीद पोर्टल पर पंजीकरण करवा रहे हैं, उनके लिए बैंक गारंटी वाले कॉलम को भरना अनिवार्य कर दिया गया है। फिलहाल, खरीद एजेंसियां इस कॉलम में ऑप्शन उपलब्ध कराने की मांग कर रही हैं ताकि प्रक्रिया और सरल हो सके।

राइस मिलर्स को मिला 50 हजार क्विंटल धान का आवंटन

राइस मिलर्स को कुल 50,000 क्विंटल धान का आवंटन किया गया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के अनुसार, धान की कीमत 2,389 रुपये प्रति क्विंटल है, जिससे कुल मूल्य लगभग 11 करोड़ 94 लाख 50 हजार रुपये होता है। इस हिसाब से, राइस मिलर्स को 35 लाख 83 हजार रुपये की बैंक गारंटी जमा करनी होगी।

तय समय पर बैंक गारंटी न जमा करने पर कार्रवाई

यदि राइस मिलर्स नियत समय तक बैंक गारंटी जमा नहीं करवाते हैं, तो उनके आवंटित धान का कस्टम मिलिंग का अधिकार दूसरे मिलर्स को दे दिया जाएगा।

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