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हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह ने संभाली कमान, सैलजा रही अनुपस्थित — गुटबाजी पर दिया कड़ा संदेश

चंडीगढ़: हरियाणा कांग्रेस को नया अध्यक्ष मिल गया है. सोमवार को चंडीगढ़ स्थित पार्टी मुख्यालय में राव नरेंद्र सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष का पदभार संभाल लिया. इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व अध्यक्ष चौधरी उदयभान और कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे. पार्टी प्रभारी बीके हरि प्रसाद और सांसद रणदीप सुरजेवाला भी समारोह में शामिल हुए. हालांकि सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा कार्यक्रम में शामिल नहीं हुईं.

राव नरेंद्र सिंह ने संभाला हरियाणा अध्यक्ष का पदभार: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ​​​​​​राव नरेंद्र सिंह ने कहा कि “पार्टी ने एक छोटे से कार्यकर्ता को पीसीसी का अध्यक्ष बनाने का काम किया है. मेरे पास कोई सिफारिश तक नहीं थी, लेकिन राहुल गांधी और हाईकमान के सभी नेताओं ने मुझे ये जिम्मेदारी दी. जिसको मैं पूरी मेहनत के साथ में पूरा करके दिखाउंगा.

‘संगठन को मजबूत करने का संकल्प’: अपने भाषण में राव नरेंद्र ने हाईकमान पर फोकस रखा. उन्होंने कार्यकर्ताओं और नेताओं को अनुशासन में रहने और सबको साथ लेकर चलने की बात कही. उन्होंने बताया कि “पार्टी में संगठन में काम करना थोड़ा कठिन होगा, लेकिन भरोसा है कि पार्टी के कार्यकर्ताओं और जिला अध्यक्षों की टीम पर कि हम सभी कार्यक्रम गांव और बूथ स्तर तक ले जाएंगे. कांग्रेस चार साल तक पूरी मजबूती के साथ विपक्ष की भूमिका में दिखाई देगी.”

‘अनुशासन बहुत जरूरी’: हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह पार्टी में अनुशासन को लेकर सख्त दिखे. उन्होंने वन ऑन वन मीटिंग में कहा “किसी भी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं में अनुशासन बहुत जरूरी है. अभी तक कांग्रेस नेता कार्यक्रमों में समय से नहीं पहुंचते थे, लेकिन अब इसमें गंभीरता लानी होगी.”

गुटबाजी पर जानें क्या कहा: कांग्रेस में गुटबाजी पर राव नरेंद्र सिंह ने कहा कि “मैं सबको साथ लेकर चलूंगा, लेकिन मैं अकेला इस काम को नहीं कर पाऊंगा. इसके लिए पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी साथ देना होगा. अब वक्त पहले जैसा नहीं है, इसलिए सबको एक साथ होकर ग्राउंड पर काम करने की जरूरत है. केंद्रीय नेतृत्व भी प्रदेश के नेताओं की गुटबाजी को लेकर काफी गंभीर हैं.”

“11 साल में संगठन होता तो ज्यादा वोट मिलते”- भूपेंद्र हुड्डा: कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने खुलकर कहा कि “अगर कांग्रेस का संगठन पहले बनता, तो पार्टी को ज्यादा वोट मिलते. अब सब मिलकर कांग्रेस को मजबूत करेंगे.” जब उनसे पूछा गया कि संगठन बनने में रुकावट कहां आई? तो उन्होंने जवाब दिया कि “ये हाईकमान से पूछिए”.

कार्यकारी अध्यक्षों पर संशय: कांग्रेस हाईकमान ने अब तक प्रदेश के नए कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति नहीं की है. फिलहाल तीन कार्यकारी अध्यक्ष, जितेंद्र भारद्वाज, सुरेश गुप्ता मतलौडा और रामकिशन गुर्जर संगठन में काम कर रहे हैं. तीनों नेताओं को अलग-अलग गुटों से जुड़ा माना जाता है. अब चर्चा है कि दो से तीन नए कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं, ताकि सभी गुटों में संतुलन बना रहे. फिलहाल मौजूदा कार्यकारी अध्यक्षों को अगले आदेश तक काम जारी रखने के लिए कहा गया है.

BLA-2 नियुक्तियों को लेकर नेताओं में आपसी खींचतान: हरियाणा कांग्रेस में बूथ स्तर की राजनीति गरमाई हुई है. सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में पहले ही BLA-1 की नियुक्तियां हो चुकी हैं. अब BLA-2 की बारी है. आगामी 7 अक्टूबर को जिला अध्यक्षों और BLA-1 की बैठक में इस पर चर्चा होगी. संगठन को मजबूत करने के लिए राव नरेंद्र लगातार वरिष्ठ नेताओं से मिल रहे हैं. वे रणदीप सुरजेवाला, भूपेंद्र हुड्डा, बीरेंद्र सिंह, कैप्टन अजय यादव और राव दान सिंह से व्यक्तिगत मुलाकात कर चुके हैं. ये बैठकें गुटबाजी को खत्म करने की दिशा में अहम मानी जा रही हैं.

पोस्टर विवाद ने बढ़ाई हलचल: समारोह से पहले ही एक पोस्टर विवाद का कारण बना. राव नरेंद्र के स्वागत में जारी रूट चार्ट में किसी भी हरियाणा नेता की तस्वीर नहीं थी. इससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखने को मिली. मामले ने तूल पकड़ा तो राव नरेंद्र ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से दूसरा पोस्टर जारी किया, जिसमें भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला और दीपेंद्र हुड्डा की तस्वीरें शामिल की गईं. इस घटना ने यह साफ कर दिया कि कांग्रेस में छवि और प्रतिनिधित्व को लेकर अभी भी सतर्कता बरतनी पड़ रही है.

राव दान सिंह की नाराजगी: चार बार विधायक रहे राव दान सिंह ने राव नरेंद्र के पदभार समारोह की जानकारी न मिलने पर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि कुछ कार्यकर्ताओं में स्वाभाविक रूप से असंतोष है क्योंकि उनका चयन नहीं हुआ. हालांकि उन्होंने अपने समर्थकों से संगठन को मजबूत करने की अपील की. यह बयान इस ओर संकेत करता है कि कांग्रेस में आंतरिक संतुलन बनाए रखना नए अध्यक्ष के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है.

बीके हरिप्रसाद ने नेताओं को दिए अनुशासन के संकेत: पार्टी के प्रदेश प्रभारी बीके हरिप्रसाद ने समारोह के दौरान सभी नेताओं से पार्टी हित में काम करने की अपील की. उन्होंने अनुशासन का पालन करने और एकजुटता के साथ कार्य करने पर बल दिया. “हरियाणा कांग्रेस में अब नेतृत्व परिवर्तन के साथ पार्टी को जमीनी स्तर पर दोबारा मजबूत करने की कोशिश की जा रही है. इस दिशा में संगठन निर्माण से लेकर कार्यकर्ताओं के बीच संवाद को प्राथमिकता दी जा रही है.”

बीरेंद्र सिंह का तंज- “मैं अध्यक्ष बनता तो विरोध होते”: पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने भी मंच से संगठन और नेतृत्व पर खुलकर बातें की. उन्होंने कहा कि अगर वे प्रदेश अध्यक्ष बनते तो कई लोग उनके खिलाफ खड़े हो जाते. साथ ही उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा ने लोगों का विश्वास खोया है और समाज को बांटने का काम किया है.

बीरेंद्र सिंह की नसीहत: बीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस की कमजोरी के दो कारण बताए. पहला 11 साल तक संगठन का न बनना और दूसरा, समाज को जोड़ने में विफल रहना. उन्होंने कहा कि अगर हरियाणा में कांग्रेस मजबूत होती है, तो इसका असर देश की राजनीति पर भी पड़ेगा. इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने भी मंच से हुड्डा की सराहना की और संगठन जल्दी बनाने की बात कही. उन्होंने कहा कि “हुड्डा के पास 37 विधायक हैं और दो घंटे में संगठन बना सकते हैं, लेकिन इसमें पक्षपात नहीं होना चाहिए.”

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