गुरु का ध्यान परमात्मा का ध्यान है: कंवर हुजूर
भिवानी, (ब्यूरो): गुरुओं का दर्शन मान बड़ाई लोभ अहंकार से छुटकारा दिलाते हैं।बार बार के दर्शन आपकी वृत्ति को एकाग्र करते हैं और दुनियादारी के झमेलों में बिखरे मन को एक भाव में बाँधने का कार्य करते हैं।गुरु आपकी दुर्मति को दूर करता है।गुरु इंसान को उसके असल मकसद से रूबरू कराता है।यह सत्संग वचन परमसंत सतगुरु कंवर साहेब जी महाराज ने दिनोद गांव में स्थित राधास्वामी आश्रम में फरमाये। हुजूर कंवर साहेब ने कहा कि सतगुरू को प्रसन्न करणे के लिए तन- मन- धन की बाजी लगानी पड़ेगी। गुरु का ध्यान परमात्मा का ध्यान है। सतगुरु के दर्शन बड़े भाग वाले को होते हैं।बिना गुरु के आपकी लाग नहीं छूटती। जिसको सतगुरु सतनाम और सत्संग का ज्ञान हो जाता है वो अरबों खरबों में बिरला एक ही होता है।गुरु का प्रेमी तो अपनी बाजी ही गुरु से खेलता है ताकि हर लिहाज से जीत उसी की हो।गुरु महाराज ने फरमाया कि ध्यान सबका लगता है लेकिन महत्वपूर्ण यह है की वो ध्यान लगता किसमें है।हमारा ध्यान दुनियादारी की चीजों में तो बहुत लगता है लेकिन भक्ति में नहीं लगता।दुनियादारी की चीजों में हमारा ध्यान इसलिए लगता है क्यूंकि हम इसी में रमे हुए है।जब तक दुनिया से उपरामता प्राप्त नहीं करोगे तब तब भक्ति में लगाव नहीं होगा।भक्ति के लिए आपकी भावना प्रधान है।भावना जागेगी सतगुरु के बार बार दर्शन से।आप जिसका ध्यान और ख्याल करोगे उसी के गुण आपमें सम्माहित होते हैं।अग्नि का ख्याल ऊष्मा देगा जल का ख्याल शीतलता देगा इसी प्रकार भक्ति में डूबे संत महापुरुष के दर्शन आपको भक्ति प्रदान करेंगे।




