गुरु गोबिंद सिंह जयंती कल, इस साल विशेष रूप से दूसरी बार होगी आयोजन

गुरु गोबिंद सिंह सिखों के 10वें गुरु थे. गुरु गोबिंद सिंह ने 1699 में बैसाखी के दिन खालसा पंथ की स्थापना की थी. गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने जीवनकाल के दौरान धर्म और सच्चाई के रास्ते लोगों की सेवा की. गुरु गोबिंद सिंह जी के पिता का नाम गुरु तेग बहादुर और माता का नाम गुजरी था. हर साल पौष माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गुरु गोबिंद सिंह की जयंती मनाई जाती है. इस बार ये तिथि इस साल में दो बार पड़ी है.
साल 2025 में पहले 6 जनवरी को ये पर्व मनाया जा चुका है, लेकिन फिर से एक बार ये पर्व कल यानी 27 दिसंबर को मनाया जाने वाला है. गुरु गोबिंद सिंह की जयंती के दिन देश भर के गुरुद्वारों की रौनक देखते ही बनती है. इस दिन गुरुद्वारों में अखंड पाठ और कीर्तन का आयोजित किया जाता है. साथ ही नगर कीर्तन निकाले जाते हैं और लंगर भी आयोजित किया जाता है. इस दिन श्रद्धालु गुरु साहिब जी द्वारा दी शिक्षाओं को याद करते हैं.
गुरु गोबिंद सिंह जयंती डेट
हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को बिहार में गुरु गोबिंद सिंह जन्मे थे. साल 2025 में पौष मास की सप्तमी तिथि की शुरुआत आज 26 दिसंबर को 2025 की दोपहर 01 बजकर 43 मिनट पर होगी. इस तिथि का समापन 27 दिसंबर 2025 की दोपहर 01 बजकर 09 मिनट पर हो जाएगा. ऐसे में कल गुरु गोबिंद सिंह जी की 359वीं जयंती मनाई जाएगी.
कैसे मनाते हैं ये पर्व?
गुरु गोबिंद सिंह जी की जंयती के दिन गुरुद्वारों में अखंड पाठ साहिब आयोजित किया जाता है. कीर्तन के माध्यम से गुरु साहिब शिक्षाएं याद की जाती हैं. इस दिन कई स्थानों पर भव्य नगर कीर्तन निकाले जाते हैं. गुरु साहिब की शिक्षाओं का प्रचार किया जाता है. गुरुद्वारों में इस दिन लंगर खिलाया जाता है. जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े और दवाइयां दी जाती हैं. घरों में गुरबाणी पढ़ी जाती है.




