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शिमला में सजे देवी के दरबार, भक्‍तों में खासा उत्‍साह; जानें क्‍या है चैत्र नवरात्र का महत्‍व

शिमला। नौ अप्रैल से शुरू हो रहे चैत्र नवरात्र के लिए राजधानी शिमला के मंदिर सजने शुरू हो गए हैं। शहर के मंदिरों में नवरात्र के लिए विशेष आयोजन की भी तैयारियां की जा रही हैं। तारादेवी, कालीबाड़ी, जाखू, बीसीएस स्थित तारा माता, ढींगू माता मंदिर संजौली और संकटमोचन मंदिर में सजावट का काम शुरू हो गया है।

रंग-बिरंगी झालरों से सजाए जा रहे मंदिर

मंदिरों को रंग-बिरंगी झालरों से सजाया जा रहा है। इस दौरान मंदिरों में भंडारे भी लगाए जाएंगे, जिसके लिए पंडाल तैयार किए जा रहे हैं। भजन-कीर्तन के साथ अन्य कार्यक्रम भी होंगे। शहर के अलावा अपर शिमला के मंदिरों में भी साज-सजावट का काम शुरू हो गया है।

भीमाकाली मंदिर में भी सराहन की तैयारी शुरू

ऊपरी शिमला में हाटकोटी और रामपुर में भीमाकाली मंदिर सराहन में भी नवरात्र की तैयारी शुरू गई है। नवरात्र का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है और मां के उपासक श्रद्धा के साथ देवी मां की पूजा-अर्चना करते हैं। इन दिनों में लोग घर में भी देवी मां की स्थापना करते हैं और नौ दिन तक विधि-विधान से पूजा कर परिवार के कल्याण की प्रार्थना करते हैं।

बाजार में भी बढ़ी रौनक

नवरात्र के लिए शहर के बाजारों में भी रौनक बढ़ गई है। दुकानदारों ने नवरात्र के लिए पूजा सामग्री और फलाहार के सामान से दुकानें सजा ली हैं। इसके अलावा मंदिरों के बाहर माता का प्रसाद, चुनरी और सिंदूर के स्टाल लग गए हैं।

लोग कलश, नारियल, चुनरी, घी, धूप बत्ती, अगरबत्ती लौंग, सुपारी, कपूर सहित पूजन सामग्री खरीद रहे हैं। नवरात्र में कुछ लोग पहले और अंतिम दिन व्रत रखते हैं, जबकि कई लोग नौ दिन तक व्रत रखते हैं। व्रत के लिए लोग फलाहार की खरीदारी भी करने लगे हैं।

इसलिए भी महत्व रखते हैं चैत्र नवरात्र

नवरात्र में चैत्र नवरात्र का अलग महत्व होता है। इस दिन से हिंदू नववर्ष की भी शुरुआत होती है, जिसके चलते लोग चैत्र नवरात्र में देवी पूजन करने के साथ ही घरों में विभिन्न तरह के आयोजन भी करते हैं। कई लोग अपने घरों को भी सजाते हैं।

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