हरियाणा

स्कूली बच्चों को कानून की जानकारी देना समय की आवश्यकता:पवन कुमार

हलवासिया स्कूल में "कानूनी दिशाएं" कार्यक्रम का आयोजन

सोमवीर शर्मा
भिवानी, (ब्यूरो): जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के तत्वावधान में हलवासिया स्कूल में “कानूनी दिशाएं” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के चेयरमैन एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश डीआर चालिया के निर्देशानुसार और सीजेएम-कम-सचिव पवन कुमार की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जिले के सभी स्कूलों के मुखिया और खंड समन्वयक (को-ऑर्डिनेटर) शामिल रहे। मंच संचालन डॉक्टर मनोज शर्मा ने किया।
इस अवसर पर सीजेएम-कम-सचिव पवन कुमार ने कहा कि स्कूली बच्चों को कानून की जानकारी देना समय की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि बच्चों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करना शिक्षकों की ज़िम्मेदारी है। यदि बच्चे कानूनी प्रावधानों को समझेंगे, तो वे अपने अधिकारों की रक्षा करने के साथ-साथ जिम्मेदार नागरिक भी बनेंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षक ही वे स्तंभ हैं, जो बच्चों को सही दिशा में मार्गदर्शित कर सकते हैं।
सीजेएम-कम-सचिव पवन कुमार ने बताया कि विधिक साक्षरता किसी भी समाज की रीढ़ होती है। यदि विद्यार्थी कम उम्र से ही कानूनी जानकारी रखते हैं, तो वे समाज में व्याप्त अपराधों से बच सकते हैं और उनके खिलाफ आवाज उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज के समय में साइबर क्राइम, पॉस्को, जेजे एक्ट, बाल श्रम, बाल विवाह, घरेलू हिंसा, नशा और लैंगिक शोषण जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। ऐसे में विद्यार्थियों को इन विषयों पर संवेदनशील और जागरूक बनाना आवश्यक है।
उन्होने बताया कि छात्रों को बाल अधिकार, मौलिक अधिकार, सूचना का अधिकार, साइबर सुरक्षा और लैंगिक समानता जैसे महत्वपूर्ण कानूनी पहलुओं की जानकारी दी जाए। इसके अलावा, उन्हें यह भी बताया गया कि अगर वे किसी कानूनी समस्या में फंसते हैं या उनके अधिकारों का हनन होता है, तो वे किस प्रकार से कानूनी मदद प्राप्त कर सकते हैं।
सीजेएम पवन ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि वे केवल विषयों की पढ़ाई तक सीमित न रहें, बल्कि बच्चों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति भी जागरूक करें। स्कूलों में विधिक जागरूकता क्लब बनाए जाने की भी आवश्यकता है, जिससे बच्चों को निरंतर कानून की जानकारी मिलती रहे। अगर कोई नाबालिग साइबर अपराध का शिकार हो जाए, तो वह क्या कर सकता है? इस पर बताया कि बच्चे साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल कर सकते हैं या साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। राष्ट्रीय लोक अदालत, स्थाई लोक अदालत, नालसा द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर 15100 के बारे में भी जानकारी दी गई।
इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी सुभाष भारद्वाज, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी शिवकुमार तंवर, हलवासिया स्कूल के प्रशासक शमशेर अहलावत, प्राचार्य विमलेश आर्य, जिला लीगल लिटरेसी कोऑर्डिनेटर राजेश कौशिक, ब्लॉक कोऑर्डिनेटर सुरेश भारद्वाज, नरेश कुमार, राजेश कुमार, सोनिया, आशा, रोहताश सहित सभी लीगल लिटरेसी स्कूलों के प्रधानाचार्य उपस्थित रहे।

Related Articles

Back to top button