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एससी/एसटी एक्ट मामलों में शिकायतकर्ताओं को दें सुनवाई का मौका3 उपायुक्त कौशिक

भिवानी, (ब्यूरो): एससी/एसटी एक्ट से संबंधित मामलों का निपटारा करने से पूर्व शिकायतकर्ता को सुनवाई का अवसर अवश्य प्रदान करें। यह बात उपायुक्त महावीर कौशिक ने आज अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत आयोजित जिला सतर्कता एवं निगरानी कमेटी की त्रैमासिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। महावीर कौशिक ने कहा कि प्राकृतिक न्याय के अनुसार शिकायतकर्ता को सुनवाई का मौका देना जरूरी है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर जांच के दौरान पुलिस किसी मामले को रद्द करती है तो उसके पुख्ता सबूत होने जरूरी है। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि बैठक का एजेंडा कम से कम एक सप्ताह पूर्व समिति के सदस्यों को भेजा जाए ताकि वे इसका आसानी से अध्ययन कर सकें। बैठक में बताया गया कि अगर कोई गैर अनुसूचित जाति का व्यक्ति किसी अनुसूचित जाति के व्यक्ति पर किसी भी तरह का अत्याचार करता है तो उस स्थिति में एक्ट के तहत कार्रवाई करने का प्रावधान है। इस स्थिति में पीडि़त को 85 हजार से लेकर आठ लाख रूपए तक की आर्थिक सहायता देने का प्रावधान किया गया है। यह राशि विभिन्न प्रकार के अत्याचारों जैसे ट्यूबवेल की हानि, चल-अचल संपत्ति का नुकसान, स्थाई अथवा अस्थाई अपंगता, बलात्कार तथा हत्या आदि के मामलों में प्रदान की जाती है। बैठक में बताया गया कि अधिनियम की धारा 3 व नियम 12(4) के तहत 85 हजार से लेकर आठ लाख तक की सहायता प्रदान की जाती है। अधिनियम के तहत पीडि़त व्यक्तियों को राहत व पुनर्वास की सुविधा भी प्रदान की जाती है। बैठक में 1 नवंबर 2024 से लेकर 31 जनवरी 2025 तक के दर्ज केसों में प्रदान की गई राशि का विवरण प्रस्तुत किया गया। बैठक में बताया गया कि 11 मामलों में पीडि़तों को आर्थिक सहायता दी जा चुकी है और पांच केसों को सबूत के आधार पर रद्द किया गया है। बैठक में जिला कल्याण अधिकारी एवं समिति के सदस्य सचिव देवेन्द्र सिंह ने एजेंडा प्रस्तुत किया।

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