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GenZ की बढ़ती डिमांड से टूटा रिकॉर्ड, यहां टैक्स फ्री शराब की खपत में जबरदस्त उछाल

चाहे वो केंद्र हो या फिर राज्य सरकार, शराब की बिक्री से काफी मोटी कमाई होती है. इसका कारण भी है. दोनों ही जगहों से शराब पर मोटा टैक्स लगता है. उसके बाद भी शराब की ब्रिकी में कोई कमी देखने को नहीं मिली है. लेकिन देशभर में एक ऐसी जगह भी है, जहां शराब पर एक भी रुपया टैक्स नहीं लगता है. जिसकी वजह से वहां पर शराब की बिक्री का नया रिकॉर्ड बन गया हे. वास्तव में भारतीय एयरपोर्ट से सिर्फ पैसेंजर्स ही उड़ान नहीं भर रहे हैं. बल्कि शराब के ब्रांड भी तेजी से बिक रहे हैं. आईडब्ल्यूएसआर ड्रिंक्स मार्केट एनालिसिस के अनुसार, भारत के ड्यूटी-फ्री और ट्रैवल रिटेल वॉल्यूम में 2024 में देश के डॉमेस्टिक बेवरेज सेक्टर की तुलना में 13 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि स्थानीय दुकानों में यह इजाफा सिर्फ 6 फीसदी का देखने को मिला है.

व्हिस्की, जिसकी सेल्स में तीन-चौथाई हिस्सेदारी थी, में 12 फीसदी का ग्रोथ देखने को मिला है, जबकि जबकि भारतीय घरेलू बाजार में इस कैटेगरिटी के प्रदर्शन में 8 फीसदी की गिरावट आई. आईडब्ल्यूएसआर में जीटीआर की सीनियर इनसाइट मैनेजर, चार्लोट रीड ने कहा कि अगले 5 सालों में भारतीय पैसेंजर्स की संख्या में 50 फीसदी की ग्रोथ और वेवरेज अल्कोहल की बिक्री में तेज़ी से वृद्धि की उम्मीद है. जिसकी वजह से भारतीय पैसेंजर्स ग्लोबल ट्रैवल रिटेल (जीटीआर) की भविष्य की सफलता के लिए महत्वपूर्ण होंगे. यह ऐसे समय में हो रहा है जब जीटीआर बेवरेज कंपनियों के लिए एक गोथ इंजन बनता जा रहा है. खास बात तो ये है कि मौजूदा समय में अल्कोहल इंडस्ट्री स्थिर बिक्री का सामना कर रही है. जबकि ग्लोबल कुल बेसवरेज अल्कोहल (टीबीए) की खपत 2024 और 2029 के बीच स्थिर रहने की उम्मीद है. आईडब्ल्यूएसआर को उम्मीद है कि जीटीआर की मात्रा 3 फीसदी और एशिया में 4 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिलेगी.

क्यों बढ़ रही है सेल

भारत का बढ़ता मध्यम वर्ग, बढ़ती डिस्पोजिबल इनकम और बदलते कंजंप्शन पैटर्न हवाई अड्डे के टर्मिनलों पर रिटेल डायनामिक्स को नया रूप दे रहे हैं. रीड ने कहा कि भारत की डिस्पोजिबल इनकम और यात्रा संबंधी मांग दूसरे देशों के मुकाबले में तेजी से बढ़ रही है, और इससे उपभोक्ता खर्च में नया बदलाव आएगा और ग्लोबल कंज्यूमर मार्केट में मांग बढ़ेगी. उन्होंने आगे कहा कि भारतीय कंज्यूमर प्राइस और यूटिलिटी बेस्ड बिहेवियर से ब्रांड जागरूकता और अनुभवात्मक खर्च की ओर बढ़ रहे हैं, जिसमें जेनरेशन जेड और मिलेनियल कंज्यूमर्स अग्रणी भूमिका में हैं.

रेडिको खेतान के सीओओ अमर सिन्हा ने मीडिया रिपोर्ट में कहा कि पैसेंजर एयरपोर्ट पर बिताए समय का उपयोग ब्रांड्स, विशेष रूप से प्रीमियम और लग्जरी ऑप्शंस को जानने के लिए कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि लोगों के पास हवाई अड्डे पर खरीदारी करने से पहले ब्रांड को देखने-समझने का पर्याप्त समय होता है. दुनिया भर के हवाई अड्डे, खासकर प्रीमियम और लग्जरी सेगमेंट में, ब्रांडों को लोकप्रिय बनाने का सबसे अच्छा जरिया हैं.

स्कॉच और व्हिस्की में कितना इजाफा

2024 में स्कॉच की बिक्री में 11 फीसदी और अमेरिकी मूल्य प्रतिस्पर्धात्मकता मानक की बिक्री में 8 फीसदी की वृद्धि हुई, जबकि भारतीय व्हिस्की की बिक्री में 10 फीसदी की वृद्धि हुई, जबकि प्राइस में और भी तेज़ी से 18 फीसदी की वृद्धि हुई. फिर भी, भारतीय व्हिस्की जीटरआर में एक छोटा खिलाड़ी बना रहा, जो व्हिस्की की बिक्री में 2 फीसदी से भी कम का योगदान देता है. रीड ने कहा, “लगभग तीन साल पहले तक जीटीआर में भारतीय व्हिस्की की शेल्फ स्पेस अपेक्षाकृत कम थी, इस चैनल में इसकी लगभग कोई उपस्थिति नहीं थी, लेकिन जैसे-जैसे उपभोक्ता अपने उत्पादों का दायरा बढ़ा रहे हैं, इसमें बदलाव आने लगा है. 2024 में वोदका की बिक्री में 48 फीसदी की वृद्धि हुई – जो घरेलू बाज़ारों की वृद्धि का लगभग तीन गुना है.

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