हरियाणा में 11 महीने में नशे के 3051 मामले दर्ज, 4652 आरोपियों को पहुंचाया सलाखों के पीछे
पुलिस प्रदेश में नशे के विरूद्ध चलाए जा रहे अभियान के तहत नित नए आयाम स्थापित कर रही है। हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो तथा जिला पुलिस द्वारा प्रदेश में नशा तस्करों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत उनका नेक्सस तोडऩे के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
इसी कड़ी में हरियाणा पुलिस द्वारा पहली जनवरी 2024 से 30 नवंबर 2024 तक प्रदेश में नशा तस्करों के खिलाफ 3051 मुकदमे दर्ज करते हुए 4652 आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया गया है। इसके साथ ही आदतन अपराधियों पर सख्ती करते हुए पीआईटी एनडीपीएस एक्ट के तहत वर्ष-2024 में 63 नशा तस्करों के खिलाफ निवारक निरोध की कार्यवाही की गई, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ये अपराधी दोबारा नशा तस्करी से ना जुड़े।
पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने बताया कि हरियाणा पुलिस द्वारा नशे की सप्लाई चेन को तोडऩे के लिए प्रभावी रणनीति तैयार की गई है। उन्होंने बताया कि वर्ष-2023 में हरियाणा पुलिस द्वारा कमर्शियल क्वालिटी के 326 मुकदमे दर्ज किए गए थे जबकि वर्ष-2024 में 411 मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिनमें 841 बड़े नशा तस्करों पर कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि नशा तस्करी संबंधी बड़े मामलों में तेजी लाने के लिए फारेंसिक साइंस लैब एफएसएल से रिपोर्ट आने की समय सीमा को घटाकर 15 दिन किया गया है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश को नशामुक्त बनाने के लिए गांव में 5150 ग्राम प्रहरी तथा वार्ड प्रहरी नियुक्त किए गए हैं। ग्राम प्रहरियों तथा वार्ड प्रहरियों द्वारा गांव में नशा बेचने वाले लोगों पर नजर रखी जाती है। इसके साथ ही जो लोग नशे का शिकार हो गए हैं उनकी नशा छुड़वाने में मदद की जाती है।
इसी प्रकार, नमक लोटा अभियान की सफलता के कारण पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष छोटी मात्रा के एनडीपीएस मामलों में 15 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इस अभियान के तहत समुदाय को जागरूक करते हुए छोटे अपराधियों को नशा छोडऩे के लिए प्रेरित किया गया। नशा मुक्त हरियाणा अभियान के तहत लोगों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करने के लिए सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित की गई।