धर्म/अध्यात्म

तुर्की में मौजूद है ‘नरक का द्वार’…जो यहां गया आज तक वापस जिंदा नहीं लौटा!

तुर्की के प्राचीन शहर हेरापोलिस में एक ऐसा मंदिर है, जहां जो भी जाता, उसकी मौत पक्की है यही कारण है कि इस मंदिर को नर्क का द्वार भी कहा जाता था. वहां कोई जाता है तो वह वापस जिंदा नहीं लौटता. कहा जाता है कि वहां देवताओं का प्रकोप होने के कारण ऐसा होता है.

2018 में इस मंदिर का रहस्य सामने आया है. दरअसल तुर्की के प्राचीन शहर हेरापोलिस थे देश-विदेश के सैलानियों के लिए आकर्षण का केन्द था. वहां पुरातत्व को पसंद करने वाले लोग जाते थे लेकिन यहां आकर इस मंदिर में जाने वालों का कोई पता नहीं लगता था. कहा जाता है कि यहां जाने वाले की मौत हो जाती है. कहा जाता था कि मंदिर के पास जाने वाले इंसान तो इंसान पशु-पक्षियों तक की मौत हो जाती है. यही वजह रही कि ये मंदिर रहस्यमयी होता गया.

मंदिर में जाने वाला वापिस नहीं आता

इन घटनाओं के बाद से इसे प्लूटो का मंदिर कहा जाने वहीं कुछ लोग इसे मौत के देवता का मंदिर कहने लगे. मौतों के कारण स्थानीय लोगों ने इस मंदिर के आसपास तक जाना बंद कर दिया और ना ही सैलानियों को जाने दिया. कहा जाता है कि मंदिर में दरवाजे पर कई बार पिंजरे में पक्षी रखकर साबित किया गया कि यहां मौत के देवता रहते हैं क्योंकि जो भी पक्षी रखा गया वो कुछ ही पलों में मौत के मुंह में चला जाता था.

तुर्की एक रहस्यमयी मंदिर

धीरे-धीरे इस जगह का रहस्य बढ़ता गया जानलेवा मंदिर यानि ये प्लूटो मंदिर लोगों के लिए खतरा बन गया. जबकि इस मंदिर के इतिहास के बारे में कोई ज्यादा जानकारी नहीं मिल पायी. बस रोमन माइथोलॉजी में इतना ही माना जाता रहा कि प्लूटो धरती के नीचे के देवता हैं. कुछ लोग उसे अंधविश्वास कहते हैं तो कुछ मंदिर को नरक का द्वार कहकर इस मंदिर में जाने से भी डरते हैं.

आसपास भटकने वाले पक्षी भी नहीं बचे जिंदा

2018 में इस मंदिर का रहस्य सामने आया है जब प्राचीन यूनानी भूगोलवेत्ता स्ट्रैबो ने भी अपने शोध में माना कि जो इसके अंदर जाता है वो जिंदा वापस नहीं आ सकता है.स्ट्रैबो ने मंदिर में चिड़िया को भेजा जिसकी कुछ ही देर में मौत हो गई लेकिन उन्होंने इसका कारण उस गुफा में मौजूद कार्बनडाईआक्साइड को माना,जिसका स्तर वहां 91 प्रतिशत माना.

विज्ञान और मान्यता की लड़ाई

वहीं स्थानीय लोगों का मानना है कि इस जगह पर बलि दी जाती थी और यही वजह है कि इसकी खुदाई में पशु-पक्षियों के कंकाल भी मिले हैं और ये नरक का द्वार ही है. अब ये लड़ाई विज्ञान और मान्यता के बीच हो गई है कारण चाहे जो भी हो लेकिन ये तो सच है कि यहां जो गया वो आज तक वापिस नहीं आया.

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