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नसरल्लाह के दाहिने हाथ से लेकर हमास के टॉप लीडर तक…एक साल की जंग में मारे गए 7 टॉप लीडर

मिडिल ईस्ट में करीब एक साल से जारी जंग अब और विकराल रूप लेती नजर आ रही है, इजराइल और हिजबुल्लाह एक दूसरे पर ताबड़तोड़ वार कर रहे हैं. वहीं मंगलवार को इजराइली सेना ने एक हमले में हिजबुल्लाह के रॉकेट और मिसाइल चीफ इब्राहिम कुबैशी को मार गिराया है.

इजराइल करीब एक साल से जारी जंग में हमास और हिजबुल्लाह के 7 बड़े लीडर्स और कमांडर्स को ढेर कर चुका है, इनमें नसरल्लाह के दाहिने हाथ से लेकर हमास के टॉप लीडर तक शामिल रहे हैं, लेकिन फिर भी दोनों विद्रोही संगठन उसे लगातार चुनौती दे रहे हैं.

1. हिजबुल्लाह का मिसाइल-रॉकेट चीफ इब्राहिम कुबैशी

इजराइल और हिजबुल्लाह ने एक-दूसरे के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है, इजराइली सेना लेबनान में हिजबुल्लाह के सैकड़ों ठिकानों पर हवाई हमले कर रही है तो वहीं हिजबुल्लाह भी इजराइल के उत्तरी हिस्से में धड़ाधड़ रॉकेट दाग रहा है. 24 सितंबर को बेरूत में हुए इजराइली एयरस्ट्राइक में हिजबुल्लाह के रॉकेट और मिसाइल चीफ इब्राहिम कुबैशी मारे गए. इजराइल ने कुबैशी पर साल 2000 में 3 इजराइली सैनिकों की किडनैपिंग और हत्या में शामिल होने का दावा किया है.

2. नसरल्लाह का खास कमांडर फुआद शुकर

30 जुलाई को लेबनान की राजधानी के दक्षिणी इलाके में इजराइली सेना ने बम बरसाए थे. इन हमलों में हिजबुल्लाह के शीर्ष कमांडर फुआद शुकर की मौत हो गई. फुवाद शुकर हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह का दाहिना हाथ माना जाता था. फुवाद शुकर हिजबुल्लाह की स्थापना के बाद से इसके प्रमुख सैन्य नेताओं में से एक था. साथ ही वह हिजबुल्लाह के आधुनिक हथियारों की देखरेख भी करता था. उस पर 1983 में बेरूत में अमेरिकी मरीन बैरकों पर बमबारी में मुख्य भूमिका निभाने का आरोप है. फुवाद शुकर पर गोलान हाइट्स हमले का भी आरोप है, जिसमें एक फुटबॉल ग्राउंड में हुए रॉकेट हमलों में 12 बच्चों की जान चली गई थी.

3. हिजबुल्लाह कमांडर इब्राहिम अकील

हिजबुल्लाह के मिलिट्री विंग का सीनियर कमांडर इब्राहिम अकील भी ताजा इजराइली हमलों में मारा गया है. 20 सितंबर को बेरूत के दक्षिणी उपनगरों में हुई इजराइली एयरस्ट्राइक में हिजबुल्लाह के ऑपरेशंस कमांडर इब्राहिम अकील की मौत हो गई, इब्राहिम हिजबुल्लाह के मिलिट्री विंग के टॉप कमांडर्स में से एक माना जाता है.

इब्राहिम अकील को तहसीन और अब्देलकादर जैसे उपनामों से भी जाना जाता है, जो हिजबुल्लाह के जिहाद काउंसिल का मेंबर था. अमेरिका ने अकील पर अप्रैल 1983 में अमेरिकी दूतावास पर हुए बेरूत ट्रक बम विस्फोटों में भूमिका निभाने का आरोप लगाया है, जिसमें 63 लोग मारे गए थे. इसके 6 महीने बाद बेरूत में एक अमेरिकी मरीन बैरक में बम विस्फोट हुए, इसमें 241 लोग मारे गए थे. अमेरिका का आरोप है कि इब्राहिम अकील इस हमले में भी शामिल था.

4. हिजबुल्लाह कमांडर मोहम्मद नासिर

हिजबुल्लाह कमांडर मोहम्मद नासिर 3 जुलाई को इजराइली हवाई हमले में मारा गया था. इजराइल ने जुलाई की शुरुआत में दक्षिणी लेबनान के कई शहरों में भीषण हवाई हमले किए, जिसमें इजराइली सेना ने नासिर के मारे जाने का दावा किया. बताया जाता है कि वह लेबनान से इजराइल पर गोलीबारी करने वाली यूनिट का नेतृत्व कर रहा था. इसके अलावा वह हिजबुल्लाह के 3 क्षेत्रीय डिविजन को भी लीड करता था. नासिर की मौत से बौखलाए हिजबुल्लाह ने इजराइल पर एक घंटे में 200 रॉकेट दागने का दावा किया था.

5. हमास चीफ इस्माइल हानिया

हमास चीफ इस्माइल हानिया की 31 जुलाई को तेहरान में हुए एक हमले में मौत हो गई थी. इस्माइल हानिया हमास के पॉलिटिकल विंग के चीफ थे और वह तेहरान में ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान के शपथ ग्रहण में शामिल होने पहुंचे थे. कार्यक्रम के बाद हानिया तेहरान में जिस सरकारी गेस्टहाउस में रुके थे वहां एक जोरदार धमाका हुआ जिसमें उनकी जान चली गई. ईरान और हमास ने इस हमले के लिए इजराइल पर आरोप लगाया था हालांकि इजराइल ने न तो इन आरोपों का खंडन किया और न ही हमले की जिम्मेदारी ली है.

6. कस्साम ब्रिगेड का चीफ मोहम्मद दाइफ

इजराइल ने 13 जुलाई गाजा के खान यूनिस में हवाई हमले किए थे, कुछ दिन बाद इजराइल ने इन हमलों में हमास के अल-कस्साम ब्रिगेड के चीफ मोहम्मद दाइफ के मारे जाने की पुष्टि की थी. दाइफ को इजराइल 7 अक्टूबर के हमलों का मास्टरमाइंड बताता है. बताया जाता है कि इजराइली सेना को दाइफ के ठिकाने के बारे में खुफिया जानकारी मिली थी, जिसके बाद उसने खान यूनिस के इलाके में एयरस्ट्राइक कर उसे मार गिराया. हालांकि इजराइली सेना ने इस्माइल हानिया की मौत के अगले दिन दाइफ के मारे जाने की पुष्टि की थी.

7. हमास के डिप्टी चीफ सालेह अल-अरोरी

इसी साल 2 जनवरी को लेबनान की राजधानी में हुए एक इजरायली ड्रोन हमले में हमास लीडर सालेह अल-अरोरी की मौत हो गई थी. सालेह हमास की पॉलिटिकल विंग के डिप्टी चीफ और मिलिट्री विंग अल-कस्साम ब्रिगेड के संस्थापक थे. 57 साल के सालेह अल अरोरी की हमास की सैन्य गतिविधियों में अहम भूमिका थी. वहसाल 1987 में हमास का हिस्सा बने कब्जे वाले वेस्ट बैंक में हमास के सैन्य विंग की स्थापना की. उन्हें ईरान और हिजबुल्लाह का बेहद करीबी माना जाता था.

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