चार दरिंदों ने मां के सामने नाबालिग बेटियों से दुष्कर्म कर की थी हत्या, अब चारों को मिली सजा-ए-मौत
पुलिस के सामने महिला ने सर्पदंश से बेटियों की मौत होने की बात कही थी। जिस पर दिल्ली में दोनों के शवों का पोस्टमार्टम करा दिया गया था, जिसकी रिपोर्ट मिलने पर पुलिस को पता चला था कि लड़कियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ है।
न्यूज़ डेस्क हरियाणा । सोनीपत । हि.स. । हरियाणा सोनीपत में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ”फास्ट ट्रैक कोर्ट” सुरुचि अतरेजा सिंह ने मां के सामने दो बेटियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने व बाद में कीटनाशक पिलाकर हत्या करने के बहुचर्चित मामले चार दोषियों को दोषी करार देकर फांसी की सजा सुनाई है। अदालत ने चारों दोषियों पर 30-30 हजार रुपये जुर्माना भी किया है। अदालत ने दो साल एक माह व 10 दिन में फैसला सुनाते हुए बहुचर्चित मामले में चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। अदालत ने चारों को फांसी की सजा सुनाते हुए उनके अपराध को नृशंस करार देते उनके लिए मृत्युदंड को उपयुक्त बताया।
मूलरूप से बिहार की रहने वाली महिला ने 9 अगस्त 2021 को कुंडली थाना पुलिस को बताया था कि वह अपनी दो बेटियों व तीन बेटों के साथ कुंडली थाना क्षेत्र के गांव में किराए पर रहती हैं। उसने सबसे बड़ी बेटी व बेटे की शादी कर रखी है। जहां वह किराए पर रहते हैं विधवा 5 अगस्त, 2021 की रात को कमरे में अपनी 13 व 15 साल की बेटियों के साथ सो रही थी। उसके बेटे छत पर सो रहे थे। देर रात करीब 12 बजे चार युवक मूलरूप से बिहार के जिला दरभंगा के गांव मजगाही निवासी अरुण पंडित, गांव मसहोरी निवासी फूलचंद, झकेली निवासी दुखन पंडित और समस्तीपुर के गांव बाड़ा निवासी रामसुहाग कमरे में घुस गए थे। उन्होंने कमरे में उसकी बेटियों को दबोच लिया था। अरुण व फूलचंद सदा ने बड़ी बेटी व दुखन पंडित तथा राम सुहाग ने छोटी बेटी से सामूहिक दुष्कर्म किया था।
विरोध करने पर बाद में दोनों बेटियों को कमरे में रखा कीटनाशक पिला दिया था। जिससे उनकी हालत बिगड़ गई थी। आरोपियों ने महिला को धमकी दी थी कि अगर उसने किसी को इस बारे में कुछ बताया तो वह उसके बेटों को मार देंगे। बेटों को मारने की धमकी के चलते महिला डरकर चुप रही थी। वह बेटियों को लेकर छत पर चली गई थी। तड़के चार बजे तक दोनों बहन छत पर तड़पती रही। फिर जब उनकी हालत ज्यादा बिगड़ गई थी तो दोनों को दिल्ली के नरेला स्थित राजा हरिश्चंद्र अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां पर उनकी मौत हो गई थी।
कुंडली थाना पुलिस के सामने महिला ने सर्पदंश से बेटियों की मौत होने की बात कही थी। जिस पर दिल्ली में दोनों के शवों का पोस्टमार्टम करा दिया गया था, जिसकी रिपोर्ट मिलने पर पुलिस को पता चला था कि लड़कियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ है। साथ ही उन्हें कोई कीटनाशक पिलाया गया है। तब तत्कालीन थाना प्रभारी रवि की टीम में शामिल जांच अधिकारी उषा मलिक ने महिला से पूछताछ की थी तो सच्चाई का पता लगा था। जिस पर चारों आरोपियों अरुण, फूलचंद, दुखन पंडित और राम सुहाग के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म, जहरीला पदार्थ खिलाकर हत्या करने का मुकदमा दर्ज कर लिया था। उषा मलिक की टीम ने चारों को गिरफ्तार कर लिया था। मामले में सुनवाई के बाद एएसजे सुरुचि अतरेजा सिंह ने चारों आरोपियों को दोषी करार दिया। चारों को फांसी की सजा सुनाई गई है। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दो साल एक माह और 10 दिन में फैसला सुनाया है। यह मामला अदालत में 8 अक्तूबर, 2021 को पहुंचा था।
चारों दोषियों को भादंसं की धारा 302 में फांसी, 376 डीए पॉक्सो एक्ट में फांसी की सजा दी है। धारा 328 में 10 साल कैद व 10 हजार रुपये जुर्माना, धारा 506 में सात साल कैद व 10 हजार रुपये जुर्माना, 120बी में उम्रकैद व 10 हजार रुपये जुर्माना किया गया है। मामले में पुलिस ने 24 गवाह पेश किए थे। जिसमें लड़कियों की मां भी शामिल थे। मामले में पुलिस के साक्ष्य व मेडिकल रिपोर्ट दोषियों को सजा दिलाने में सबसे अधिक मददगार बने।
एएसजे सुरुचि अतरेजा सिंह ने कहा कि यह कृत्य पूरी तरह नृशंस था। इसमें क्रूरता की सभी हद पार कर दी गई। यह दुर्लभ से दुर्लभतम श्रेणी का अपराध है। इनके लिए मृत्युदंड उपयुक्त सजा है। इससे समाज में कोई भी इस तरह का जघन्य अपराध करने से पहले सौ बार सोचेगा।