अनदेखी पर छलका पूर्व अध्यक्ष अशोक सुखीजा का दर्द, सोशल मीडिया पर लिखा भावुक पोस्ट
हरियाणा : मैं मोदी का प्रशंसक तो जरूर हूं..! पर कभी-कभी उनके कांग्रेसियों के भाजपा में शामिल करने को..! अन्य दलों को तोड़ने को..! कांग्रेस को खत्म करने जैसे कदमों से सहमत नहीं होता..! क्योंकि मैं उनकी तुलना अटल जी जैसे आदर्श से करने लगता हूं..! अटल जी ने कहा था पार्टी विस्तार के लिए नए लोगों को अवश्य जोड़ना चाहिए, परंतु मूल कार्यकर्ताओं की अनदेखी नहीं होनी चाहिए।
प्रदेश में 10 में से 6 सीट अन्य दलों से आए नेताओं को दी गई है। ऐसे में सवाल उठता है कि भाजपा के इतने बड़े परिवार में कोई छह ऐसे नेता नहीं थे, जो टिकट के काबिल हो। यह दर्द भाजपा के लिए वर्ष-2014 में जीत की जमीन तैयार करने वाले वरिष्ठ कार्यकर्ता अशोक सुखीजा का है। जो कार्यकर्ताओं की पीड़ा सुन कर थकने के बाद अब इंटरनेट मीडिया के सहारे मन की बात आलाकमान तक पहुंचाने का प्रयास किया है।
पोस्ट में किए कई सवाल खड़े
इस पोस्ट में उन्होंने बड़े सवाल भी उठाए है। यहां तक कि 2014 के चुनावों की भी याद दिलाई गई है। उन्होंने कहा कि अब भाजपा अपनों के प्रति दुर्भावना व दूसरों के प्रति सद्भावना दिखा रही है। समर्पित कार्यकर्ताओं के प्रति नकारात्मकता का भाव नजर आ रहा है। पोस्ट में आला कमान से सवाल पूछा गया है कि क्या वह कार्यकर्ता, जिसने 2014 से पूर्व देश की सत्ता परिवर्तन के लिए अपना दिन रात एक कर इसके लिए जमीं तैयार की ? ऐसे मूल कार्यकर्ताओं को समय-समय पर हतोत्साहित किया गया, यह कह कर कि जब तक ये बाहरी नहीं आए थे तो हम सत्ता में नहीं आए। अब सवाल यह उठता है कि बाहरी लोग 2014 में भाजपा का सकारात्मक माहौल तैयार होने से पहले आए या बाद में। अशोक सुखीजा से जब इस पोस्ट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि है मैंने ही इस पोस्ट को डाला है। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी से नाराज नहीं हूं, लेकिन कार्यकर्ताओं की आवाज उठा रहा हूं।